इटावा जिले का ये दांदरपुर गांव बकेवर थाना क्षेत्र में आता है. इस समय दांदरपुर सुर्खियों में है. सुर्खियों में इस वजह से, क्योंकि यहां ब्राह्मण महासभा और यादव समाज के लोग आमने-सामने आ गए हैं. सुर्खियों में होने की वजह दो कथावाचकों के साथ मारपीट और बदसलूकी है, जिसका आरोप ब्राह्मण समाज के कुछ लोगों पर लगा है. आइए जानते हैं इस कांड की पूरी कहानी…
सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल
अबी कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में कुछ लोग दो कथावाचकों से बदसलूकी करते दिखाई दे रहे हैं. जब इस वीडियो की पुलिस ने जांच-पड़ताल की तो इन दोनों कथावाचकों की पहचान मुकुट मणि और संत कुमार के रूप में हुई. ये दोनों दांदरपुर गांव में कथा सुनाने गए थे. कथा सुनाकर रात में लौटते समय गांव के ही कुछ लोगों ने इन्हें रोक लिया. इनका नाम पूछने लगे और कहा कि तुम तो ब्राह्मण हो ही नहीं. फिर कैसे कथा सुना रहे हो.
बस फिर क्या था, गांव वालों ने पहले तो इनकी चोटी काटी, फिर सिर के बाल तक मुंडवा दिया. यही नहीं एक महिला के पैर तक चटवाए. फिर मारपीट कर गांव से बाहर निकाल दिया. वीडियो वायरल होने के बाद दोनों कथावाचकों के बारे में पता चला कि ये ब्राह्मण नहीं, बल्कि यादव हैं. एक का नाम मुकुट मणि यादव है और दूसरे का नाम संत कुमार सिंह यादव है. इनमें से एक ने अपने आप को मुकुट मणि अग्निहोत्री बताया था, जबकि दूसरे ने संत कुमार बताया था.
इन 4 आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा
जब इनकी पहचान यादव के रूप में हुई तो यादव समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया. वह सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. यादव समाज के बड़े-बड़े नेता दांदरपुर गांव पहुंचने लगे और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. बवाल जब बढ़ा तो पुलिस भी एक्टिव हुई. पुलिस ने आनन-फानन में प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान आशीष तिवारी (21) उत्तम अवस्थी (19) प्रथम दुबे (24) निक्की अवस्थी (24) के रूप में हुई.
निक्की अवस्थी ने काटे थे कथावाचक के बाल
पुलिस ने बताया कि दोनों कथावाचकों ने बकेवर थाने में तहरीर दी थी, उसी आधार पर कार्रवाई की गई. निक्की अवस्थी नाम के युवक ने ही बाल काटे थे. चारों आरोपियों को 24 जून को जेल भेज दिया गया. वहीं जब ब्राह्मण महासभा ने देखा कि मामले में एकतरफा कार्रवाई हो रही है तो वह भी प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने कहा कि दोनों कथावाचकों ने अपनी जाति छिपाई है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. इस पर भी FIR होनी चाहिए.
दोनों कथावाचकों पर भी FIR
ब्राह्मण महासभा ने कहा कि दोनों ने एक महिला के साथ बदसलूकी की. कथावाचकों पर पहचान छिपाने, धार्मिक भावना आहत करने, धोखाधड़ी आदि का भी आरोप लगा था. इसको लेकर ब्राह्मण महासभा ने SSP ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज कर ली.
पुलिस पर पथराव और फायरिंग
बस इसी FIR को लेकर यादव समाज और ‘अहीर रेजीमेंट’ के लोग गुरुवार यानि आज सड़कों पर उतर आए. दांदरपुर गांव के बाहर जमा हो गए. बस उन्हीं लोगों को गांव में एंट्री दे रहे थे, जो यादव थे. जब इस बात की जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को खदेड़ा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की. साथ ही पुलिस की गाड़ियां तोड़ दीं.
इटावा के दादरपुर गांव में उस समय माहौल गरमा गया जब कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के विरुद्ध पुलिस ने गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। उन पर एक स्त्री के साथ छेड़खानी, फर्जीवाड़ा और फर्जी आधार कार्ड इस्तेमाल कर धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों को गुमराह करने के इल्जाम लगाए गए हैं। मुद्दे की आरंभ रेनू तिवारी नामक स्त्री की कम्पलेन से हुई, जिसने कथावाचक पर उत्पीड़न का इल्जाम लगाया था। इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की स्थान नए BNS एक्ट के अनुसार कई धाराएं लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की।
‘अहीर रेजिमेंट’ समर्थकों का जोरदार प्रदर्शन, पुलिस पर हुआ पथराव
जैसे ही कथावाचकों पर मुकदमा दर्ज होने की समाचार फैली, कथित तौर पर ‘अहीर रेजिमेंट’ की मांग को लेकर एक्टिव लोग दादरपुर गांव के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए। उनका इल्जाम था कि यादव समाज के धार्मिक लोगों को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। प्रदर्शन तेज हुआ और देखते ही देखते नारेबाजी से मुद्दा हाथ से निकल गया। भीड़ ने पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पथराव प्रारम्भ कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। यह सब कुछ कैमरे में रिकॉर्ड हो गया, और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस ने की हवाई फायरिंग, टूटी सरकारी गाड़ी
स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती देख पुलिस को विवश होकर हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान कई लोग इधर-उधर भागे, और कुछ लोगों ने पत्थरबाजी जारी रखी। एक पुलिस की जीप पर पत्थर लगे जिससे उसका शीशा टूट गया और गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। भीड़ की उग्रता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया और पूरे क्षेत्र को छावनी में परिवर्तित कर दिया गया। प्रशासन हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, जताया विरोध
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा गवर्नमेंट पर धावा बोला। उन्होंने कहा, “कथावाचकों पर धावा बीजेपी समर्थकों ने किया होगा। यह एक सोची-समझी षड्यंत्र है। लेकिन हमले किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किए जा सकते। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं।” अखिलेश यादव ने बोला कि यदि गवर्नमेंट निष्पक्ष जांच नहीं कराती, तो सपा सड़क पर उतरेगी।
कथावाचकों पर फर्जीवाड़ा और छेड़खानी का मामला, कई धाराओं में केस
पीड़िता रेनू तिवारी के अनुसार, जब कथावाचक उनके घर ठहरे हुए थे, उस दौरान भोजन परोसते समय उन्होंने अश्लील हरकत की और उंगली पकड़कर बदतमीजी की। इसके अतिरिक्त यह भी इल्जाम लगा कि कथावाचकों ने फर्जी आधार कार्ड दिखाकर जाति और पहचान छुपाई और गांव में धार्मिक आयोजन कराए। पुलिस ने इस आधार पर BNS की धारा 299, 318(4), 319(2), 336(3), 338, 340(2) के अनुसार केस दर्ज कर जांच प्रारम्भ कर दी है।
मारपीट करने वाले 4 आरोपी कारावास भेजे गए, मुद्दा और उलझा
इससे पहले कथावाचकों के साथ हाथापाई और अभद्रता करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस ने अरैस्ट कर कारावास भेजा था। अब जब कथावाचकों पर भी मुकदमा दर्ज हो गया है, तो यह मुद्दा दोतरफा हो गया है। गांव का माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है और प्रशासन की नजर हर गतिविधि पर है। इस घटना के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी हलचल तेज हो गई है।