नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने तीनों आरोपियों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया है.
इन तीनों की सजा के बिंदु पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज पीके शर्मा ने शनिवार दोपहर करीब तीन बजे फैसला सुनाया. इसके तुरंत बाद तीनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया. अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के वक्त प्रताड़ना की शिकार हुई तारा शाहदेव भी अपने पति के साथ उपस्थित थीं.
धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना का यह मामला वर्ष 2014 में पूरे देश में चर्चित हुआ था. इस केस को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेक ओवर किया था. जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, उसकी मां कौशल रानी और झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार (सतर्कता) मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी.
आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. इसके बाद से तीनों के खिलाफ लंबा ट्रायल चला. सीबीआई की ओर से की गई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा कोहली उर्फ रकीबुल पर लगाए गए धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना आरोपों को सही बताया गया. कोहली की मां और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को भी इस पूरी साजिश में सहभागी बताया गया.
सीबीआई ने इस मामले में कुल 26 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए थे. कई सबूत भी कोर्ट के सामने पेश किए गए थे.
बता दें कि नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद उसे पता चला कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था.
तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था.
शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे और उससे कहते थे कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी सामान्य रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले. उसे सख्त चेतावनी दी गई थी कि वह ‘सिंदूर’ न लगाए, अन्यथा उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे.
तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया और उसे पुलिस के साथ अपने ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.