दिल्ली के शाहदरा में बकरीद के बाद एक मंदिर के सामने भैंसे का कटा सिर मिलने से इलाके में तनाव फैल गया है। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है नमाजी टोपी पहने एक व्यक्ति सहित दो लोग स्कूटी से आते हैं और कटे सिर को फेंक देते हैं। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपितों- अजीम (27) और 16 साल के एक लड़के को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, दिल्ली के वेलकम इलाके में एक मंदिर के बाहर शुक्रवार (30 जून 2023) को भैंस का कटा हुआ सिर मिला। सामने आए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने दिल्ली के बाबरपुर निवासी अजीम और एक किशोर को पकड़ लिया है। तनाव को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 5:30 बजे एक कॉलर ने वेलकम पुलिस स्टेशन को सूचना दी कि वेस्ट गोरखपार्क के नाला रोड स्थित मंदिर के बाहर भैंस का कटा हुआ सिर पड़ा है। इसके बाद पुलिस टीम वहाँ पहुँची और कटे सिर को मंदिर के सामने से हटाकर अपने कब्जे में ले लिया।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया है।
Shocking news coming from Shahdra, Delhi…
2 guys with skul cap (check cctv footage) kiIIed a Cow, ch0pped off her head & put it outside a Temple.. Local Hindus protest against it.It’s a clear case of provocation, may lead into riots. @DelhiPolice @HMOIndia pic.twitter.com/sSES0ghHGl
— Mr Sinha (@MrSinha_) June 30, 2023
इस घटना को लेकर इलाके में नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों में गुस्सा है। पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने कहा कि दिल्ली की इस घटना से अनजान लोगों को यह सीख मिलनी चाहिए कि महाराष्ट्र में बकरीद से पहले हाउसिंग सोसायटी में लाए गए एक बकरे से वहाँ के निवासी इतने परेशान क्यों हुए थे।
उन्होंने आगे कहा, “बकरीद के एक दिन बाद मोहम्मद अज़ीम और उसका नाबालिग साथी स्कूटर पर एक कटी हुई भैंस लेकर आए और सिर को एक मंदिर के बाहर फेंक दिया। भले ही कई लोग मीट खाते हैं, लेकिन मारकर फेंके गए जानवरों को देखना अधिकांश हिंदुओं के लिए एक घृणित दृश्य है। मारे गए जानवर को उनके मोहल्ले और विशेषकर मंदिर के बाहर फेंकना भावनाओं का जानबूझकर मजाक उड़ाना है।”