राजनीतिक पार्टी बनाकर चंदा उगाही के मामले में इनकम टैक्स विभाग को कई गैर पंजीकृत राजनीतिक दलों द्वारा करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े की जानकारी मिली है. इनकम टैक्स के सूत्रों के मुताबिक, कुछ ऐसे भी राजनीतिक पार्टी के प्रेसिडेंट मिले हैं जो एक छोटी सी घड़ी की दुकान चलाते हैं
और बेहद गरीबी में उनकी जिंदगी गुजर रही है. पर जब इनकट टैक्स विभाग के अधिकारियों ने कागजों पर और बैंक डिटेल्स को खंगाल तो उन्हें पता चला कि वह 300 करोड़ से ज्यादा का मालिक है.
उत्तर प्रदेश के रहने वाले अब्दुल माबूद इदरसी एक छोटे से गली मोहल्ले में रहते हैं. घड़ी बनाने और बेचने की उनकी दुकान है. उनके साथ उनके काम में उनका बेटा सहयोग करता है, जो अपने आप को बेरोजगार बताता है. ये लोग 300 करोड़ के मालिक हैं लेकिन कोई इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं.
दिल्ली के एक लोकेशन सहित उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख लोकेशन पर गुरुवार को भी इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई चल रही है. उत्तरप्रदेश में सुल्तानपुर, वाराणसी, सुल्तानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद में छापेमारी चल रही है.आयकर विभाग ने बुधवार को पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की संदिग्ध ‘फंडिंग’, एफसीआरए के उल्लंघन और कथित कर चोरी से जुड़े अलग-अलग मामलों में कई राज्यों में छापेमारी की थी.
अधिकारियों ने बताया था कि आयकर विभाग द्वारा एक साथ गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों में 110 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे गये.
छापे की यह कार्रवाई कुछ पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उसके कथित संदिग्ध लेन-देन को लेकर की गई. उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से अर्जित धन को राजनीतिक दलों को देने के कुछ मामलों की भी इस दौरान जांच की जा रही है.
ऐसा माना जाता है कि निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर विभाग द्वारा अचानक यह कार्रवाई की गई. आयोग ने हाल ही में भौतिक सत्यापन के बाद 198 संगठनों को पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की सूची से हटा दिया था.