बिना वैरिफिकेशन के एक क्लिक पर लोन मिलने के लिंक पर मैसेज कर रुपये लेने की सोच रहे है तो जरा सावधान हो जाए। ऐसा न हो कि दो या पांच हजार के लोग के चक्कर में आप अपनी इज्जत या फिर मानसिक सकून को गंवा बैठे। नोएडा की साइबर क्राइम सेल व थाना सेक्टर-63 थाना पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह के मुखिया समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। कंपनी का संचालक चीनी नागरिक डेव के इशारे पर ही पूरा धंधा संचालित कर रहा था। डेव ही कंपनी संचालक को पोर्टल व बैंक खाते उपलब्ध करा रहा था। जिसमें जो चाइनीज लोन एप के माध्मय से मोबाइल फोन पर लिंक भेज कर लोन बांट रहे थे और रिकवरी के नाम पर ग्राहक का मोबाइल पर निजी डाटा हैक कर उसकी निजी फोटो र्मोफ कर या फिर अश्लील शब्द लिख कर रुपयों के लिए ब्लैकमेल कर रहे थे। पुलिस का दावा है कि चाइनीज लोन एप कपंनी के नाम पर यह अब तक सौ से ज्यादा लोगों के अपना शिकार बना कर करोड़ो रुपये की ब्लैकमेलिंग कर चुके है।
ग्रेटर नोएडा जोन / साइबर क्राइम के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि चाइनीज एप के जरिए लोन देकर लोगों को ब्लैकमेल करने की शिकायत मिल रही थी। इन शिकायतों पर जांच शुरू की गई। साइबर क्राइम सेल की एसीपी वर्णिका सिंह की अगुवाई में जिला साइबर क्राइम सेल प्रभारी के प्रभारी बलजीत सिंह ने सेक्टर-63 थाना पुलिस की मदद से ई-2, सेक्टर-63 में चल रहे एक आफिस पर छापेमारी की। जो लोन देने के नाम पर ब्लैकमेलिंग का धंधा कर रहे थे। कंपनी संचालक पायर टियेरा सेक्टर-143 निवासी पुनीत तुली के अलावा अफजल, जितेन्द्र, नीरज, शिवम, अजीम, आकाश, सुमित, अरूण, सिद्धार्थ, रजनीश व भारत दिल्ली को गिरफ्तार किया है। एसीपी वर्णिका सिंह ने बताया कि यह लोग एक ऑफिस खोलकर चाइनीज लोन एप के माध्यम से लोन लेने वाले व्यक्तियों के फोन में सेव मोबाइल नंबर व फोटो हैक करके फोटो को अश्लील शब्दों में एडिट कर लेते थे उसके बाद कंप्यूटर पर लिंक आदि भेजकर उन्हें ब्लैकमेल कर 10 गुना तक पैसा वसूल लेेते थे।
गिरोह एडिट फोटो को परिवार व रिश्तेदारों को भेजने की धमकी भी देते थे। ऐसा करके यह लोग पीडि़त से 20 लाख रुपए तक वसूल लेते थे। जो पैसा नहीं देता था उसके रिश्तेदारों व दोस्तों को एडिट की गई अश्लील फोटो व कंमेंट व्हाट्एप कर देते थे। छापेमारी के दौरान 36 डेस्कटॉप कंप्यूटर, 15 लैपटॉप, 8 स्मार्टफोन, 1 लाख, 50 हजार रूपये, 32 पोर्ट के 2 डॉयलर सिस्टक, 135 सिम तथा 10 हैड फोन बरामद किए हैं। जिसमें ग्राहकों का डाटा व रकम वसूलने की पूरी जानकारी है। कंपनी संचालक पुनीत चीनी नागरिक डेव के इशारे पर ही सब काम कर रहा था। जो फिलहाल चीन में है। पुनीत की डेव से मुलाकात वर्ष 2019 में गुरूग्राम में एक कंपनी में नौकरी करने के दौरान हुई थी। लॉक डाउन में डेव चीन चला गया लेकिन पुनीत ने ईमेल के माध्यम से उससे सम्पर्क बनाए रखा और फिर गोरखधंधा उसके इशारे पर शुरू कर दिया।
शराब पीने या जुआ खेलने वाले या फिर मौज मस्ती वाले लेते थे लोन
सूत्रों के मुताबिक लिंक पर शेयर करते ही चाइनीज लोन एप का ऑब्शन आता था। लोन लेने वाला उसमें लिखी गई सभी शर्तो के लिए बटन दबाता जाता था और फिर चंद मिनटों में दो हजार से पांच हजार रुपये चंद मिनट बाद लोन लेने वाले खाते में ट्रांसफर हो जाते थे। यह लोन अधिकतर वह लोग लेते थे जिन्हें शराब पार्टी करनी हो या फिर जुआ खेलने के दौरान हारी हुई रकम को कवर लेने के लिए रुपये की जरूरत पड़ती थी या फिर मौज मस्ती के लिए रुपये चाहिए होते थे। लोन लेने के बाद यह रकम चुकाने के नाम पर लापरवाही बरते थे। जिसका फायदा यह कंपनी उठाती थी और फिर लोन लेते वक्त ऑल कॉटेक्ट अलॉउ किए जाने के माध्यम से कॉनेक्ट लिस्ट के नंबर व मोबाइल गैलरी में निजी फोटो का इस्तेमाल मार्फ कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते थे। कई युवतियों को लोन दिया जिन्होंने चुकाया नहीं तो उनकी फोटो का इस्तेमाल कर अश्लील शब्द लिख कर कई ग्रुपों या उनके रिश्तेदारों को वायरल कर देते थे।
कंपनी में 45 लोग करते थे काम
पुनीत तुली की कंपनी में 45 लोग काम करे थे। जिसमें कई युवतियांं भी शामिल थी। जिन्हें दस से पन्द्रह हजार रुपये का वेतन दिया जा रहा था। सभी के काम बंटे हुए थे। इनमें से कई लोगों को पता तक नहीं था कि वह जिस कंपनी में काम कर रहे है वह विभिन्न बैंकों के लिए काम करने वाली लोन रिकवरी कंपनी नहीं है। बल्कि ब्लैकमेलिंग का धंधा करने वाली कंपनी है। कंपनी में काम करने वाले कुछ चुनिंदा लोगों को ही इस कंपनी के गोरखधंधे का पता था। जो फोटो मार्फ करने या अश्लील शब्द लिख कर उसे वायरल करने जैसा काम करते थे। बाकी टेली कॉलर के रूप में काम कर रहे थे। गिफ्तारी के बाद थाना सेक्टर-63 के बाहर उनके परिजनों व वकीलों की भीड़ एकत्र हो गई। कई तो कुछ दिन ही पहले इस कंपनी में नौकरी पर आए थे।