Saturday, December 21, 2024
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कॅरोना वायरस और कोविड इंजेक्शन के नाम पर जबरदस्त धोखाधड़ी, सावधान,खाता खाली हो जाएगा

सावधान रहिये एक ओटीपी आपका खाता खाली करवा देगी ।साथ ही जान लीजिए कि न ऐसी कोई बुकिंग है न ओपन मार्केट में कोई इंजेक्शन कुल मिला कर सरकार को तय करना है किसको कब लगेगा।

कोरोना वैक्सीन की बुकिंग के नाम पर अभी से ठगी का खेल शुरू हो गया है। एमपी साइबर सेल ने इस लेकर एक अलर्ट जारी किया है। साथ ही लोगों से सावधान रहने की अपील की है। पुलिस ने अपील की है कि कोविड-19 का टीका लगवाने की बुकिंग करवाने हेतु पंजीयन करने के नाम पर धोखेबाज लोगों की आने वाली लुभावनी फोन कॉल से सचेत रहें।

साइबर सेल भोपाल के एएसपी रजत सकलेचा ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि साइबर धोखाधड़ी करने वाले जो आरोपी हैं, वे वर्तमान में जो चलती रहती हैं उनको बिंदु बनाकर धोखाधड़ी करते हैं। इसलिए कोरोना वायरस के टीके की पेशकश करने वाले ठगों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि इसी तरह की हमारे पास एक शिकायत आई है, उसमें धोखधड़ी करने वाले ठग ने फोन कर उनसे कहा है कि आप पहले से पंजीयन करवा ले। आप जल्दी पंजीयन करवाएंगे तो कम पैसे में आपका टीकाकरण हो जाएगा और अभी से 500 रुपये दे दें।

बाद में दीजिएगा पैसा
एएसपी ने बताया कि जिसके पास यह फोन आया था, वो कॉलेज का छात्र है। उससे कहा गया कि 500 रुपये अभी दे दीजिए, उसके बाद बाकी पैसा दे दीजिए। उन्होंने कहा कि वह लड़का जागरूक था, इसलिए ठगी से बच गया है। युवक ने सारी जानकारी भोपाल पुलिस को दी है। एएसपी रजत सकलेचा ने कहा कि जब भोपाल पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि और भी इस तरह के मामले देशभर में चल रहे हैं।

लोगों को किया अलर्ट
सकलेचा ने बताया कि हमने एक दिशा-निर्देश भी जारी किया है कि कोविड-19 टीके के नाम पर कोई भी लिंक आ रहा है, उसे साझा न करें, बिल्कुल भी क्लिक न करें और उसे फॉलो न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है।

ओटीपी से कर रहे ठगी
धोखेबाज लोग कहते हैं कि जो आपके पास ओटीपी आया है, वह कोविड-19 का पंजीयन है। एएसपी ने कहा कि जबकि वह ओटीपी ट्रांजेक्शन का होता है और जैसे ही कोई इस ओटीपी को सामने वाले को दे देता है तो उसके बैंक खाते से पैसा कट जाता है। वहीं, भोपाल में ऐसा कितने लोगों के साथ हुआ है पर उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी एक ही शिकायत आई है।

एएसपी सकलेचा ने कहा कि यह शिकायत एक हफ्ते पहले आई है और वह भी सूचना की तरह है। उनके साथ धोखाधड़ी नहीं हुई है। लेकिन जैसे ही हमें जानकारी मिली हमने दिशा-निर्देश जारी किया और हम लगातार इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि वह आरोपी कहां का है।

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