Friday, October 4, 2024
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ममता बनर्जी पर दावा हुआ सच, व्हील चेयर पर करेंगी प्रचार, पुराना ड्रामा,पुरानी स्क्रिप्ट,कल ही बता दी थी

अस्पताल के बेड से ममता ने जारी किया वीडियो, कहा- व्हीलचेयर पर ही करूंगी चुनाव प्रचार

पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान एक कथित हमले में घायल होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अस्पताल के बेड से ही वीडियो सामने आया है। ममता बनर्जी का यह वीडियो उनकी पार्टी टीएमसी के ट्विटर अकाउंट पर जारी किया गया है। इस वीडियो में ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है। यही नहीं उन्होंने कहा कि चोट लगने के बाद भी उनका काम बाधित नहीं होगा और वह पैर में चोट लगने की वजह से व्हीलचेयर पर बैठकर प्रचार करेंगी। उन्होने कहा कि अभी मुझे कुछ दिनों तक व्हीलचेयर पर रहना होगा। इसके बाद भी मैं चुनाव में बाधा नहीं आने दूंगी और व्हीलचेयर पर ही प्रचार करूंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वीडियो में कहा, ”मुझे अपने अगले दो से तीन दिनों में जमीन पर वापस लौटने की उम्मीद है। चोट फिर भी बरकरार रह सकती है, लेकिन मैं मैनेज कर लूंगी। मैं एक भी मीटिंग ड्रॉप नहीं करूंगी। हो सकता है कि कुछ दिनों के लिए मुझे व्हीलचेयर की मदद लेनी पड़े। मैं आपका सपोर्ट चाहती हूं।” नंदीग्राम सीट पर एक अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। ममता बनर्जी के सामने उनके ही पुराने सहयोगी शुभेंदु अधिकारी होंगे।
अस्पताल के बेड से वीडियो जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी से शांत रहने और संयम दिखाने का आग्रह कर रही हूं। कुछ भी ऐसा न करें, जिससे लोगों को तकलीफ हो। वीडियो जारी किए जाने से पहले बंगाल में कई जगह टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के आमने-सामने आने की भी जानकारी सामने आई थी। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन भी किया।

দলনেত্রীর @MamataOfficial আবেদন pic.twitter.com/SPoD3m7Iu3

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार करने के दौरान घायल हो गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया, जिसके कारण वह जमीन पर गिर गईं और उनके बांए पैर, कमर, कंधे और गर्दन में चोट आई है। इसके बाद मुख्यमंत्री को कोलकाता ले जाया गया, जहां के एसएसकेएम अस्पताल में डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है। डॉक्टरों ने बताया है कि मुख्यमंत्री के बायें पैर के टखने तथा पांव की हड्डियों में गंभीर चोट आई हैं और उनके दायें कंधे, हाथ तथा गले पर भी चोट लगी है और उनका इलाज चल रहा है।


राज्य के लोगों के लिए जारी इस वीडियो में ममता बनर्जी ने कहा कि यह सच है कि मुझे पैर की हड्डी और लिगामेंट की चोट लगी है। घटना के बाद मुझे सीने और सिर में भी दर्द था। मैं कार में खड़ी थी और लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही थी। मुझ पर इतना दबाव आया कि मैं चोटिल हो गई। मेरे पास उस समय जो भी दवाई थीं, मैंने उसे लिया और फिर कोलकाता आ गई।
हालांकि, बीजेपी का दावा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों की सहानुभूमि बंटोरने के लिए नाटक कर रही हैं। साथ ही, बीजेपी ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की। बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इस बात की जांच कराई जाने की जरूरत है कि वास्तव में हुआ क्या था। कैसे जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति पर हमला हुआ, यह जांच का विषय है। सच्चाई सामने लाने के लिए राज्य को मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने चाहिए।

‘हमले’ के बाद टला मेनिफेस्टो जारी करने का प्रोग्राम
ममता बनर्जी पर कथित हमले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में आगामी चुनाव के लिए अपना मेनिफेस्टो जारी करने का कार्यक्रम टाल दिया। पार्टी अध्यक्ष बनर्जी द्वारा कालीघाट में अपने आवास पर दोपहर को घोषणापत्र जारी करने का कार्यक्रम था। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि घोषणापत्र जारी करने के कार्यक्रम को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है। ममता बनर्जी के ठीक होने और घर वापस आने के बाद इसे जारी किया जाएगा। हमारा घोषणापत्र तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री की गैर-मौजूदगी में इसे जारी करने का सवाल ही नहीं उठता। ममता बनर्जी ने पांच मार्च को पार्टी के 291 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में 27 मार्च से मतदान शुरू होगा। मतगणना दो मई को होगी।

चुनाव से पहले नेताओं के पिटने का ‘PK कनेक्शन’: ममता बनर्जी से पहले केजरीवाल और जगन पर भी हुए थे हमले

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नींद तभी से उड़ी हुई है, जब से भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीत कर पश्चिम बंगाल में दस्तक दी। नतीजे आने के बाद उसी साल जून में खबर आई कि ममता बनर्जी ने एक खास फ्लाइट से प्रशांत किशोर को कोलकाता बुलाया है। एक वरिष्ठ विमानन अधिकारी ने तब बताया था कि इसे लॉकडाउन का उल्लंघन मानते हुए जाँच की जा सकती है।
प्रशांत किशोर ने इसके बाद TMC की रणनीतियाँ बनानी शुरू कीं। इनमें एक फैक्टर दिलचस्प है – हमले का फैक्टर! प्रशांत किशोर और नेताओं पर हमले का ‘कनेक्शन’ पुराना है। हमला, संवेदना, सांत्वना आदि की राजनीति को समझिए।
अब जब ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में कथित रूप से हमला हुआ और उसके कारण उन्हें न सिर्फ कई चोटें आने की बातें कही जा रही है, बल्कि सीने में दर्द, बुखार और साँस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएँ भी आ गई हैं। कोलकाता के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। उनके भतीजे अभिषेक ने भाजपा पर आरोप लगाया है। कॉन्ग्रेस का एक वर्ग सहानुभूति जताने में लगा हुआ है तो दूसरा इसे पाखंड बता रहा है।
अब कहानी प्रशांत किशोर की। प्रशांत किशोर और उनसे जुड़े नेताओं पर हमले का ये सिलसिला नया नहीं है। कुछ नेताओं पर प्रशांत किशोर द्वारा उनका चुनावी प्रबंधन संभालने के बाद हमले हुए तो कुछ पर उससे पहले। लेकिन, पिटने वाले नेताओं और प्रशांत किशोर का ये कनेक्शन सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को पच नहीं रहा।
प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का विषय भी बनाया है क्योंकि उन्होंने बाकायदा ट्वीट कर भाजपा द्वारा दहाई का आँकड़ा पार न करने की भविष्यवाणी की थी।
अरविंद केजरीवाल पर हमला कोई नई बात नहीं है। कई बार ये सामने आता है कि उन्हें थप्पड़ जड़ने वाला आम आदमी पार्टी (AAP) का ही कार्यकर्ता है। नवंबर 2018 में किसी ने उनके चेहरे पर मिर्च पाउडर छिड़क दिया तो अप्रैल 2016 में ऑड-इवन से नाराज एक व्यक्ति ने उन पर जूता चलाया। जनवरी 2016 में उन पर इंक अटैक हुआ। अप्रैल 2014 में एक ऑटो ड्राइवर ने उनकी पिटाई की।
2014 लोकसभा चुनाव में भी केजरीवाल पर अंडों से हमले हुए थे। उससे पहले 2013 में भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन पर इंक से हमला हुआ था। दिसंबर 2019 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि AAP ने प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC के साथ करार किया है। उन्होंने कंपनी के स्वागत में ट्वीट भी किया था। खास बात ये है कि इससे 4 दिन पहले ही AAP ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर में घुस कर उन पर हमले का आरोप लगाया था।
अक्टूबर 2018 में खबर आई थी कि YSR कॉन्ग्रेस पार्टी के मुखिया जगन मोहन रेड्डी पर चाकू से हमला हुआ है। विशाखापत्तनम एयरपोर्ट के VIP लाउन्ज में ये हमला हुआ। हमलावर कार्यकर्ताओं द्वारा पकड़ा गया और मौके पर ही पुलिस के हवाले कर दिया गया था। आंध्र प्रदेश में किस तरह से प्रशांत किशोर ने जगन मोहन रेड्डी की जीत में मदद की है, इस पर बड़े मीडिया संस्थानों में भी लेख प्रकाशित हुए थे।

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