Friday, October 4, 2024
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ममता दीदी रैली तो कर लो,भागो मत- ममता बनर्जी को खुली चुनौती पश्चिम बंगाल में

ममता ने रद्द की नंदीग्राम की रैली, शुभेंदु ने पूछा- कहां गायब हो गईं दीदी?

7 जनवरी को पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम में होने जा रही रैली को रद्द करने की वजह से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है। यहां भूमि अधिग्रहण के खिलाफ तीन साल तक चले हिंसक संघर्ष ने 2011 में ममता बनर्जी को लेफ्ट से सत्ता छीनने में मदद की थी। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए नंदीग्राम के विधायक और ममता के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने तंज कसते हुए पूछा, ‘कहां गायब हो गईं दीदी?’
अधिकारी ने मंगलवार को एक गैर-राजनीतिक रैली में कहा, ”नंदीग्राम में रैली की बात करने वाले अचानक गायब हो गए हैं। मैं 8 जनवरी को रैली करूंगा और इसमें एक लाख से अधिक लोग होंगे।” अधिकारी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भी निशाना साधा और उन्हें टोलाबाज (वसूली करने वाला) बताया।
टीएमसी नेताओं ने सोमवार को कहा कि 7 जनवरी को प्रस्तावित रैली को अखिल गिरी के कोरोना संक्रमित होने की वजह से रद्द किया जा रहा है। गिरी रामनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं और रैली के आयोजक हैं। अधिकारी ने 10 नवंबर को पहली बार टीएमसी को चुनौती दी थी। इसके बाद से अधिकारी और टीएमसी के बीच मतभेद सामने आ गए थे।

पूर्वी मिदनापुर के रहने वाले अधिकारी, जिनके पिता और बड़े भाई टीएमसी से सांसद हैं। कई सीटों पर अच्छी पकड़ रखने वाले शुभेंदु ने हाल के अपने भाषणों में दावा किया है कि नंदीग्राम आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी, जबकि कोलकाता में रहने वाले टीएमसी नेता केवल मीडिया कवरेज के लिए पहुंचते थे। अधिकारी के दलबदल के बाद से एक दूसरे को निशाना बना रहे दोनों दलों के नेताओं ने रैली रद्द होने को बड़ा मुद्दा बना लिया है।
पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ”हम गिरी के बिना रैली नहीं कर सकते हैं। रैली बाद में आयोजित होगी।” उधर, बीजेपी के बंगाल प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, ”गिरी रामनगर से विधायक हैं। उनका नंदीग्राम से क्या लेनादेना? वह 500 लोगों को एकत्रित नहीं कर सकते हैं। मुख्यमंत्री को राजनीतिक लाभ के लिए नंदीग्राम को दुहना बंद करना चाहिए।”

24 दिसंबर को कांठी में एक रैली को संबोधित करते हुए अधिकारी ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी थी। एक दिन बाद ही टीएमसी के रोडशो में अधिकारी को ‘धोखेबाज’ बताया गया था। लोकसभा सांसद सौगत रॉय और शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम की ओर से संबोधित रैली को भी गिरी ने ही आयोजित किया था।

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