पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार गिरने का एक और दावा किया गया है। नया दावा करने वाले नेता हैं भाजपा के सुवेंदु अधिकारी। अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि दिसंबर तक तृणमूल कांग्रेस (TMC) टूट जाएगी। इसके बाद बंगाल में भी महाराष्ट्र को दोहराया जाएगा। इससे पहले भाजपा नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भी इस तरह का दावा कर चुके हैं।
मिथुन ने दावा किया था कि TMC से 38 विधायक BJP के संपर्क में हैं। ऐसे सवाल ये है कि क्या सच में बंगाल में महाराष्ट्र को दोहराया जा सकता है? बंगाल विधानसभा के समीकरण क्या कहते हैं? सरकार बदलने के लिए कितने विधायकों को पाला बदलना होगा? आइये जानते हैं…
अभी क्या हैं बंगाल के समीकरण?
294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा में इस वक्त TMC के 220 विधायक हैं। ममता बनर्जी की पार्टी को भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक पार्टी के एक विधायक का भी समर्थन मिला है। भाजपा के 70 विधायक हैं। एक-एक सीट से आईएसएफ और निर्दलीय विधायक हैं। एक सीट खाली है। मौजूदा 293 सदस्यों के सदन में बहुमत का आंकड़ा 147 का है। यानीं, ममता बनर्जी की पार्टी के पास बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा विधायक हैं।
सरकार बदलने का समीकरण क्या है?
पश्चिम बंगाल विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 147 है। भाजपा के पास 70 विधायक हैं। दो अन्य विधायकों का समर्थन अगर उसे मिलता है तब भी उसके बहुमत का आंकड़ा जुटाने के लिए 75 विधायकों की जरूरत होगी। यानीं, TMC के कम से कम 75 विधायकों को तोड़ना होगा। हालांकि, ऐसा करने पर भी सरकार बदल जाएगी ऐसा नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि इस स्थिति में बगावत करने वाले 75 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक जाएगी।
अयोग्यता से बचने के लिए ये विधायक इस्तीफा भी तो दे सकते हैं?
कर्नाटक और मध्य प्रदेश में जब सरकारें बदलीं तब इस तरह का कदम विधायकों ने उठाया था। इन दोनों राज्यों में सत्ताधारी गठबंधन के पास इतना बड़ा बहुमत नहीं था जितना ममता के पास है। कर्नाटक में जहां 13 विधायकों के इस्तीफे से समीकरण बदल गए थे। वहीं, मध्य प्रदेश में 22 विधायकों के इस्तीफे के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई थी।