पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले चल रही राजनीतिक लड़ाई अब कानूनी विवाद में भी तब्दील होती दिख रही है। सूबे की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने होम मिनिस्टर अमित शाह के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है। इस केस की सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने अमित शाह को 22 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। हालांकि अमित शाह को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी गई है। वह अपने वकील के जरिए भी पक्ष रख सकते हैं।
अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु ने बताया, ‘स्पेशल कोर्ट ने अमित शाह को व्यक्तिगत या फिर अपने वकील के जरिए 22 फरवरी को 10 बजे पेश होने का आदेश दिया है।’ यह मामला 2018 में एक रैली के दौरान अमित शाह की ओर से अभिषेक बनर्जी पर लगाए गए आरोपों का है। 11 अगस्त 2018 को बीजेपी की युवा स्वाभिमान रैली के दौरान अमित शाह ने ममता बनर्जी के भतीजे पर करप्शन के आरोप लगाए थे।
अभिषेक बनर्जी की ओर से दायर मानहानि केस में अमित शाह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर छवि खराब की है। अमित शाह ने कहा था, ‘…नारदा, शारदा, रोज वैली, सिंडिकेट करप्शन, भतीजे का करप्शन। ममता बनर्जी ने लगातार भ्रष्टाचार किए।’ अमित शाह ने कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही थी। इसके अलावा अमित शाह के एक और बयान का अभिषेक बनर्जी ने हवाला दिया है।
इस बयान में अमित शाह ने कहा था, ‘बंगाल के गांवों के लोगों क्या आपके गांव तक पैसा पहुंचता है? जोर से बताइए। क्या आपके गांव तक पैसा पहुंचता है? यह कहां चला जाता है? मोदी जी भेजते हैं। आखिर 3,59,000 करोड़ रुपया कहां चला गया? क्या यह भतीजे और सिंडिकेट को गिफ्ट कर दिया गया। या फिर तृणमूल कांग्रेस के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।’
बता दें कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। गुरुवार को ही अमित शाह और ममता बनर्जी की रैलियां थीं। इसके अलावा अमित शाह आज भी पश्चिम बंगाल में ही हैं। ममता बनर्जी ने एक रैली में अमित शाह पर हमला बोलते हुए कहा था कि मुझसे मोर्चा से लेने से पहले अमित शाह चाहें तो मेरे भतीजे अभिषेक से मुकाबला कर सकते हैं। अगर उनकी हिम्मत है तो वह अभिषेक बनर्जी के मुकाबले चुनाव लड़कर दिखाएं। ममता बनर्जी और बीजेपी नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है। पीएम नरेंद्र मोदी भी 25 फरवरी को पश्चिम बंगाल पहुंच रहे हैं।
बंगाल में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के लिए तैनात होंगी पैरा मिलिट्री की 125 कंपनियाँ: गृह मंत्रालय ने दिया आदेश
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्रालय ने पैरा मिलिट्री फोर्स की 125 कंपनियाँ राज्य में तैनात करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने यह कदम राज्य में शांतिपूर्ण तरह से चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिहाज से उठाया है।
25 फरवरी तक CRPF, CISF और BSF की कंपनियाँ बंगाल पहुँचेंगी। इससे पहले बंगाल राज्य से इनकी तैनाती को लेकर योजना बनाने को कहा गया है। राज्य सरकार से कोरोना प्रोटोकॉल्स को ध्यान में रखते हुए इन कंपनियों की आवाजाही व अन्य जरूरतों के इंतजाम सुनिश्चित करने को भी कहा है। ये कंपनियाँ संवेदनशील इलाकों में तैनात की जाएँगी। इस संबंध में सीएपीएफ के नोडल अधिकारी जल्द ही राज्य सरकार के साथ चर्चा शुरू करेंगे।
बता दें कि इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यसभा सांसद स्वप्नदास गुप्ता के नेतृत्व में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर सेंट्रल फोर्स को राज्य में तैनात करने की माँग की थी। चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने यह माँग इसलिए उठाई थी ताकि इलेक्शन निष्पक्षता के साथ संपन्न हों। पार्टी ने कहा था कि ऐसे पुलिस कर्मी भी पूरी प्रक्रिया से दूर रहने चाहिए जिन पर बीते समय में किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने का आरोप हो।
गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले कानून को ताक पर रख कर आए दिन भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। पिछले दिनों की बात है जब टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले अरिंदम भट्टाचार्य को दीवारों पर लिख कर हत्या की धमकी दी गई थी,दीवारों पर लिखा गया था, “7 दिन में शांतिपुर छोड़ो वरना अपनी हत्या के लिए तुम खुद जिम्मेदार होगे।” अरिंदम ने इस घटना की जानकारी होने पर चुनौती स्वीकार करते हुए कहा था, “मैं शांतिपुर छोड़कर नहीं जाऊँगा।”
इसके अलावा 3 जनवरी की रात भाजपा नेता कृष्णेंदु मुखर्जी (Krishnendu Mukherjee) की कार पर फायरिंग करने का भी एक मामला सामने आया था। जिसके बाद भाजपा नेता ने इसका आरोप सत्ताधारी टीएमसी के गुंडों पर लगाया था। वहीं टीएमसी के एक नेता की वीडियो वायरल हुई थी। उसमें वह खुलेआम जनता को बीजेपी के ख़िलाफ़ भड़काते दिखे थे। वीडियो में वह लोगों से कह रहे थे, “जहाँ भी तुम बीजेपी को देखो, मै बता रहा हूँ, उन्हें पीटकर भगा देना। उन्हें पता होना चाहिए कि हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।”