DRDO News : रक्षा मंत्रालय के प्रायोगिक परीक्षणों के सभी मानकों पर खरी उतरी डीआरडीओ की बनाई सब-मशीनगन
Desi sub machine gun : डीआरडीओ द्वारा विकसित 5.56×30 एमएम की संयुक्त रक्षात्मक उपक्रम कार्बाइन (JVPS) गैस संचालित अर्ध-स्वचालित अस्त्र है और इससे एक मिनट में 700 से अधिक गोलियां दागी जा सकती हैं।
नई दिल्ली
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की बनाई गई 5.56×30 एमएम की सब-मशीनगन रक्षा मंत्रालय के प्रायोगिक परीक्षणों (Test Firing of DRDO made Submachine Gun) में सफलतापूर्वक खरी उतरी है। इस बात की घोषणा गुरुवार को की गई। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परीक्षणों के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद इस सब-मशीनगन को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
जानें देसी सब-मशीनगन के फीचर्स
डीआरडीओ की सब-मशीनगन टेस्ट में पास।
बयान में उल्लेख किया गया कि डीआरडीओ द्वारा विकसित 5.56×30 एमएम की संयुक्त रक्षात्मक उपक्रम कार्बाइन (JVPS) गैस संचालित अर्ध-स्वचालित अस्त्र है और इससे एक मिनट में 700 से अधिक गोलियां दागी जा सकती हैं। इसमें कहा गया कि अंतिम चरण का प्रायोगिक परीक्षण सोमवार को किया गया जिसमें सभी जरूरी मानक प्राप्त कर लिए गए। इस कार्बाइन की प्रभावी रेंज 100 मीटर से अधिक की है।