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सीरियल किलर अविनाश श्रीवास्तव उर्फ अमित
आज से 8 साल पहले की बात है। साल 2016 में हाजीपुर के महुआ थाना क्षेत्र के हरपुर बेलवा स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में चोरी करते एक चोर पकड़ा गया। पुलिस ने उसके बारे में पूछा तो बोला-गूगल में साइको किलर अमित सर्च कीजिए।
पुलिस ने जैसे ही यह सर्च किया, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह साइको किलर अविनाश श्रीवास्तव उर्फ अमित था। अविनाश खुशी से नाचने लगा था।
अविनाश के सीरियल किलर बनने की कहानी 2003 में शुरू होती है। उसने मर्डर की शुरुआत अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए किया था। अविनाश के पिता ललन श्रीवास्तव RJD से MLC थे। उनकी 2002 में हाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इसका बदला लेने के लिए उसने पहला मर्डर हाजीपुर में मोइन खां उर्फ पप्पू खां का किया था। अविनाश ने 32 गोलियां मारीं और उसके शव के पास 3 घंटे तक बैठा रहा। इसके बाद अविनाश पर हत्या के करीब 20 मामले दर्ज हुए। अविनाश ने दावा किया था कि फिल्म ‘गैंग ऑफ वासेपुर’ में उसके ब्रस्ट फायर (दनादन गोली दागना) वाले क्लाइमेक्स को चोरी किया गया था।
पटना के डिप्टी मेयर के पति की हत्या में भी शामिल रहा
अविनाश पर आरोप है कि पटना के डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति दीना गोप को उसने एके-47 से भून दिया था। उसने पिता के मर्डर केस के आरोपियों की तरफ से केस लड़ने वाले वकील को भी मार डाला था। उस पर कैप्टन सुनील के भाई, विजय गोप, अजय गोप, लालू गोप, अजीत गोप, अधिवक्ता सरदार जी, इम्तियाज, चनारिक गोप, स्वर्ण व्यवसायी मनोज सोनार, राहुल यादव समेत 20 लोगों की हत्या का आरोप है।