- इजरायली सेना ने कहा कि उसने तेहरान में ईरानी शासन की परमाणु हथियार परियोजना से जुड़े लक्ष्यों पर व्यापक हमलों की शृंखला पूरी की है। IDF ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि हमलों में ईरानी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय, SPND परमाणु सुविधा का मुख्यालय शामिल था।
- इजरायली सेना ने कहा कि हमले में लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, उसमें वह स्थान भी शामिल है, जहां ईरान अपने परमाणु दस्तावेज छिपा रहा था।
- ईरान ने कहा कि इजरायल ने तेहरान में शाहरान तेल डिपो को निशाना बनाया। इजरायली सेना ने तेहरान के पास एक तेल रिफाइनरी पर भी हमला किया। ईरान ने शनिवार को इजरायली हमले के कारण आग लगने के बाद दुनिया के सबसे बड़े गैस क्षेत्र, साउथ पारस में भी आंशिक रूप से उत्पादन रोक दिया।
- ईरान ने इजरायली शहरों पर मिसाइल हमलों की नई शहर शुरू की,जिसके बाद यरुशलम और तेल अवीव में हवाई हमलों के सायरन बजने लगे। इजरायल के टामरा शहर पर कई ईरानी मिसाइलें गिरी हैं। अब तक कम से कम 5 इजरायली लोगों के मारे जाने की खबर है।
- ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने कहा कि ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों ने इजरायल के ऊर्जा और बुनियादी ढांचे और लड़ाकू जेट ईंधन उत्पादन सुविधाओं को निशाना बनाया।
- इजरायली सेना ने शुक्रवार को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू करते हुए ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों को निशाना बनाया था। इजरायली हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ, रिवोल्यूशनरी गार्ड के चीफ और एयर फोर्स चीफ समेत कई शीर्ष अधिकारी मारे गए।
- शनिवार को इजरायल ने बताया कि उसके हमलों में ईरान के 9 शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इनमें दो लोग ऐसे हैं, जो ईरान के लिए परमाणु हथियार हासिल करने में अहम भूमिका निभा रहे थे। मारे गए लोगों के पास परमाणु कार्यक्रम का दशकों का अनुभव था।
- रविवार के हमलों से पहले ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत ने कहा था कि इजरायली हमलों में 78 लोग मारे गए हैं और 320 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ की शुरुआत ‘इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को खत्म करने’ के लिए की गई थी। उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘इस खतरे को खत्म करने में जितना समय लगेगा, तब तक यह ऑपरेशन जारी रहेगा।’
- नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि इजरायली हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को संभवतः कई वर्षों तक पीछे धकेल दिया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘हम अयातुल्ला शासन के हर स्थल और हर लक्ष्य पर हमला करेंगे। अब तक उन्होंने जो महसूस किया है, वह आने वाले दिनों में जो होगा, उसकी तुलना में कुछ भी नहीं है।’
- इस बीच रविवार को ओमान में होने वाली अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता रद्द हो गई है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ईरान पर इजरायल के हमलों के बीच इस बातचीत का कोई अर्थ नहीं है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को तेहरान से अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ समझौता करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि ‘ईरान को समझौता करना ही होगा, इससे पहले कि कुछ भी न बचे।’
इजरायल ने यमन में उड़ाया हूती आतंकियों का ठिकानों, निशाना सीधा मिलिट्री चीफ मोहम्मद अल-घमारी पर लगाया: मौत की पुष्टि होना शेष
इजरायल और ईरान के बीच शनिवार (14 जून 2025) रात भी हवाई हमले जारी रहे। इसी बीच इजरायल ने ईरान के करीबी देश यमन पर भी हमला करने का दावा किया है। इसमें हूती फोर्स का मिलिट्री चीफ मोहम्मद अब्दुल करीम अल-घमारी को भी मार गिराने का दावा है। हालाँकि, इजरायल अधिकारियों (IDF) ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, यमन की राजधानी सना में हूती अधिकारियों का आवासीय इमारत है। इस इमारत को भी इजरायल ने निशाना बनाकर मिसाइल दागे। माना जा रहा है कि इजरायल के हमले के वक्त हूती का मिलिट्री चीफ मोहम्मद अब्दुल करीम अल-घमारी इसी इमारत में अन्य हूती अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
वहीं, यमन ने कहा कि हमला उनके कमांड हेडक्वार्ट्स पर किया गया था। घटना के बाद ही इलाके में नाकाबंदी कर दी गई और एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
Ynet की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद अब्दुल करीम अल-घमारी आतंकी संगठन में मिसाइल प्रोग्राम का हेड भी है। अल-घमारी ईरान में ट्रेनिंग लेकर आया है और यही व्यक्ति ईरान और हूथी के बीच संपर्क बनाकर रखता है। कहा जाता है कि ये सबसे खतरनाक है, अगर घमारी की मौत की पुष्टि हो जाती है तो हूतियो और ईरान दोनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा।
जिस लाल झंडे का ‘कत्लेआम’ से जुड़ा है इतिहास, ईरान ने उसे अपनी सबसे बड़ी मस्जिद पर फहराया: जानें इजरायल के साथ जंग के बीच ‘इस्लामी मुल्क’ दे रहा क्या संदेश; कभी दिल्ली में ये दिखा था

इजरायल और ईरान के बीच में तनाव हमलों का रूप ले चुका है। एक ओर इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम से मिशन शुरू कर हमले शुरू किए। इसके बाद ईरान ने भी ‘टू प्रॉमिस थ्री’ इसराइल पर जवाबी हमले शुरू कर दिए। तनाव बढ़ने के साथ अब ईरान ने जामकारन मस्जिद पर लाल झंडा भी फहरा दिया है। इस लाल झंडा का महत्व ऐतिहासिक भी है और धार्मिक भी। लाल झंडे से ईरान दुनिया को स्पष्ट रूप से अपना संदेश देना चाहता है।
जामकारन पर लाल झंडा
जनवरी 2020 में अमेरिका ने बगदाद में एक एयर स्ट्राइक में ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान के कोम शहर की जमकारन मस्जिद के गुंबद पर पहली बार लाल झंडा लहराया गया। इसे अमेरिका के खिलाफ ईरान के जंग के ऐलान के तौर पर देखा जा रहा था। इसके बाद इजरायल के खिलाफ अप्रैल 2024 में और हमास नेता इस्माइल हानियेह की तेहरान में हत्या के बाद 31 जुलाई 2024 को भी ये लाल झंडा फहराया गया।
इस लाल झंडे का ईरान के लिए जितना महत्व है, उसकी ऐतिहासिकता उतनी ही भारत से भी जुड़ी हुई है। भारत की बात करें तो 1739 में पर्सिया से आए नादिरशाह ने चाँदनी चौक की सुनहरी मस्जिद पर लाल झंडा फहराया। वहीं से खड़े होकर वह अपनी फौज को दिल्ली की गलियों को खून से रंगते निहार रहा था। असल में लाल झंडा शिया परंपरा में खूनी प्रतिशोध का प्रतीक होता है। झंडे पर लिखा था, ‘जो लोग हुसैन के ख़ून का बदला लेना चाहते हैं’। शिया परंपरा के अनुसार, लाल झंडे पर लगे खून के छींटे मारे गए व्यक्तियों का बदला लेने का प्रतीक है।
अब आते हैं ईरान पर, यही लाल झंडा अब ईरान के कोम शहर की जमकारन मस्जिद के गुंबद पर लहरा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोम शहर से कुछ 6 किलोमीटर पूर्व में जामकारन गाँव में कोम-काशान मार्ग पर ये मस्जिद स्थित है। इस मस्जिद का निर्माण 393 हिजरी यानी 1003 ईसवीं में शिया इस्लाम के 12वें इमाम, इमाम महदी के आदेश पर बनाया गया था।
कब शुरू हुए हमले
शुक्रवार (13 जून 2025) और शनिवार (14 जून 2025) को इजरायल और ईरान के बीच हमले चरम पर पहुँच गए हैं। जहाँ एक ओर इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर जोरदार हमले किए हैं तो उसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर 100 से अधिक ड्रोन्स और मिसाइलें दागी हैं।
इजरायल ने शुक्रवार (13 जून 2025) की सुबह 5:30 बजे ईरान पर अपना सबसे बड़ा हवाई हमला शुरू किया था। ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम से शुरू किए गए मिशन के तहत इजरायली फाइटर जेट्स और ड्रोन्स के जरिए 100 से अधिक जगहों पर हमले किए गए।
शुक्रवार की ही देर रात इजरायल ने फिर से ईरान पर हमला कर उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में अब तक 78 लोग मारे गए हैं और 350 से ज्यादा घायल हुए हैं। असल में इजरायल और अमेरिका नहीं चाहते कि ईरान परमाणु शक्ति बने, इसलिए ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ये हमले किए गए हैं। इन हमलों से ईरान के परमाणु ठिकानों के साथ मिसाइल और सैन्य ठिकानों को काफी नुकसान पहुँचा है।
इन हमलों के जवाब में ईरान ने ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’ नाम से ऑपरेशन चलाया और इजरायल पर 150 से ज़्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं, जिसमें 1 महिला की मौत हो गई और 63 लोग घायल हो गए।
ईरान का जामकारन मस्जिद पर लाल झंडा फहराने के पीछे राजनीतिक महत्व भी है। इसके जरिए ईरान ने हमले का बदला लेने का ऐलान कर दिया है। अब ये देखना होगा कि इजरायल और अमेरिका ईरान के इस संदेश को समझ कर क्या कोई नई रणनीति तैयार करेंगे या फिर ईरान का ये ऐलान मूर्त रूप लेने में कामयाब होगा।