गर्व करिये देश पर वैज्ञानिकों पर व्यवस्था पर
देश में कोरोना टीकाकरण का इंतजार चार दिन में ही खत्म होने वाला है। देश में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इन्हें राज्यों में पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। इस बीच सरकार ने बताया है कि उसने सीरम इंस्टीट्यूट से 1 करोड़ 10 लाख डोज और भारत बायोटेक से 55 लाख डोज की खरीदारी की है। सरकार ने यह भी बताया कि दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन की खरीदारी बेहद कम कीमत पर की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को बताया कि सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 110 लाख डोज 200 रुपए प्रति डोज खरीदने का करार किया है, जबकि भारत बायोटेक से 55 लाख डोज खरीदने का समझौता किया गया है। भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 38 लाख डोज 296 रुपए रुपए प्रति डोज के हिसाब से खरीदी गई है, जबकि कंपनी ने 16.50 लाख डोज मुफ्त में देने का फैसला किया है। यानी 55 लाख डोज की कीमत 206 रुपए प्रति डोज है।
दूनिया के दूसरे टीकों से तुलना
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सचिव ने बताया कि फाइजर की वैक्सीन की कीमत प्रति डोज भारतीय मुद्रा के हिसाब से 1400 रुपये से अधिक है यानी एक व्यक्ति को दो डोज टैक्स छोड़कर 2800 रुपए की होगी। मॉर्डना की वैक्सीन 2300 रुपये से 2700 रुपये प्रति डोज की कीमत पर उपलब्ध है। फाइजर के वैक्सीन को -70 डिग्री डेंपरेचर पर स्टोर करना होता है, जबकि मॉर्डना की वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर करना होता है। साइनोफार्म चाइना की वैक्सीन है, इसकी कीमत 5600 रुपए प्रति डोज है, साइनोवैक भी चाइनीज वैक्सीन है, जिसकी कीमत 1000 रुपए से अधिक कीमत प्रति डोज है। नोवावैक 1114 रुपए है तो स्पूतनिक वी की कीमत रूस और दूसरे देशों में 734 रुपए प्रति डोज है। जॉनशन और जॉनशन की कीमत भी 734 रुपए प्रति डोज है।
सचिव ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स को दिए जाने वाले पहले तीन करोड़ डोज की कीमत केंद्र सरकार को देगी। राज्यों को को कोई पैसा नहीं खर्च करना होगा। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय टीका भंडारण केंद्र तक मंगलवार को शाम 4 बजे तक कोविशील्ड की 54 लाख से ज्यादा खुराक पहुंचाई गई तो टीके की सभी खुराक, सीरम इंस्टीट्यूट से 1.10 करोड़ और भारत बायोटेक से 55 लाख खुराक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी।