लोकसभा चुनाव के बीच प्रदेश में दल-बदल का दौरा जारी है। इसी कड़ी में कल बीते सोमवार को निर्दलीय पार्षद और पूर्व एमआईसी सदस्य सुनीता अरुण कुशवाह भाजपा में शामिल हो गई। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के समक्ष उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। इसी के साथ परिषद में भाजपा पार्षदों की संख्या 42 हो गई है। यदि तीन और पार्षद भाजपा के खेमे में आ जाते है तो कांग्रेसी महापौर का पद अल्पमत में आ जाएगा। ऐसे में महापौर को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव की लहर में देश भर में कांग्रेस नेता शीर्ष नेतृत्व की नीतियों से नाराज होकर पार्टी छोड़ रहे है। इससे ग्वालियर भी अछूता नहीं है, शहर में भी कई कांग्रेस कार्यकर्त्ता और नेता अब तक भाजपा की सदस्यता ले चुके है। इसी कड़ी में पिछले दो साल में कांग्रेस की नीतियों से नाराज होकर 8 पार्षदों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
कांग्रेस के चार और पार्षद भाजपा के संपर्क में है
बताया जा रहा है कि अभी कांग्रेस के चार और पार्षद भाजपा के संपर्क में है, जो जल्द ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो सकते है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेसी महापोर शोभा सिकरवार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। भाजपा नेता अगर तीन और पार्षद तोड़ लेते हैं तो महापौर अल्पमत में आ जाएंगी। ऐसे में दोबारा चुनाव कराने होंगे। हालांकि 1 अगस्त 2024 तक महापौर और सभापति का पद सुरक्षित है, उन्हें किसी भी तरह नहीं हटाया जा सकता।
अल्पमत में आने पर महापौर को देना होगा इस्तीफा
बता दें कि ग्वालियर नगर निगम में कुल पार्षदों की संख्या 66 है।महापौर को बहुमत के लिए एक तिहाई बहुमत 22 पार्षदों के समर्थन की आवश्यकता है। नगर निगम चुनाव में भाजपा के 33 और कांग्रेस के 26 पार्षद जीतकर आए थे। बाद में पांच निर्दलीय और एक बसपा पार्षद ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया था। जिसके बाद परिषद में कांग्रेस के 32 पार्षद हो गए थे जबकि एक निर्दलीय पार्षद के भाजपा में शामिल होने पर संख्या 34 हो गई थी।लेकिन अब 8 पार्षदों के पाला बदलने के बाद भाजपा पार्षदों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। वहीँ कांग्रेस के पास 24 पार्षद बचे हैं। ऐसे में तीन और पार्षद कांग्रेस छोड़ भाजपा के पक्ष में आ जाते है तो भाजपा पार्षदों की संख्या 45 हो जाएगी। कांग्रेस बहुमत का जरुरी आंकड़ा गंवा देगी। जिसके बाद महापौर शोभा सिकरवार की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी।
ये है नियम
मप्र नगरपालिका विधि (संसोधन ) 2021 के पैरा 23 (क ) के नियमानुसार महापौर के खिलाफ परिषद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। परिषद के कुल पार्षदों अथवा मतदान में शामिल दो तिहाई से अधिक पार्षद महपौर के खिलाफ वोट करते है तो महापौर का पद उसी समय से रिक्त माना जाता है।जिसके बाद दोबारा चुनाव होंगे।
अब तक ये पार्षद भाजपा में हुए शामिल –
आशा सुरेन्द्र चौहान, वार्ड 2
दीपक माझी, वार्ड 6
कमलेश बलवीर तोमर, वार्ड 19
सुरेश सिंह सालेकी वार्ड 23
सुनीता अरूणेश कुशवाह, वार्ड 33
गोरा अशोक सिंह, वार्ड 62
उमा शिव सिंह यादव, वार्ड 63
मनोज सिंह यादव, वार्ड 64