‘लाल आतंकवाद’ के खिलाफ BSF को बड़ी सफलता: टॉप कमांडर समेत 29 नक्सलियों को किया ढेर, AK-47 के साथ लाइट मशीन गनें भी बरामद
छत्तीसगढ़ के कांकेर में बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस और स्पेशल फोर्स के साथ मिलकर बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें टॉप कमांडर समेत कम से कम 29 नक्सली ढेर हो गए हैं। मारे गए टॉप नक्सल कमांडर का नाम शंकर राव था, जिसपर 25 लाख का ईनाम घोषित था। गुप्त सूचना के आधार पर बीएसएफ ने कांकेर जिले के छोटेबेठिया पुलिस थाना इलाके में ये अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान तीन सुरक्षाबल भी घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने 29 नक्सलियों के शवों को बरामद कर लिया है।
सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन में और भी नक्सली मारे गए या घायल हुए हैं। अभी भी पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। 29 शवों के बरामद होने के अलावा भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी भी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस और नक्सलियों के बीच इस मुठभेड़ में 7 एके सीरीज की राइफल्स, इंसास राइफल्स और 3 लाइट मशीन गन भी बरामद हुई है। इस मुठभेड़ को खुफिया सूचना के आधार पर बीएसएफ और फॉरेस्ट रिजर्व गार्ड के साथ स्थानीय पुलिस ने अंजाम दिया, जिसमें नक्सलियों की पूरी बटालियन की कमर टूट गई।
रिपोर्ट के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर का नाम शंकर राव बताया गया है। कांकेर के एसपी कल्याण एलिसेला ने कहा है कि मुठभेड़ में मारे गए सभी 29 लोग नक्सली हैं। शंकर राव 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली था। घटनास्थल से पुलिस को 7 AK27 राइफल के साथ एक इंसास राइफल और तीन LMG बरामद हुई हैं। इसके साथ ही सेल्फ लोडिंग राइफलें (एसएलआर), कार्बाइन, 303 बोर की राइफलें भी बरामद हुई हैं।
पुलिस के मुताबिक घटना आज डेढ़ से दो बजे के बीच की है। कांकेर के छोटेबेटिया थाना क्षेत्र के बीनागुंडा और कोरोनार के बीच हापाटोला के जंगल में ये मुठभेड़ हुई। डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम की नक्सलियों से मुठभेड़ हुई।
इस मुठभेड़ में 25 लाख के ईनामी टॉप नक्सल कमांडर शंकर राव के सात ही महिला नक्सली ललिता भी मारी जा चुकी है। कांकेर एसपी ने बताया कि सर्चिग अभियान अब भी जारी है। इस मुठभेड़ में जो तीन जवान घायल हुए, उनकी स्थिति सामान्य और खतरे से बाहर है। घायल जवानों को बेहतर उपचार के जरूरी इंतजाम किए गए हैं।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सलवाद को इस साल के आखिर तक खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ की तैनाती नक्सल प्रभावित इालोकं में की गई है, जिसके नतीजे सामने आ रहे हैं।