ममता बनर्जी को शायद डर का एहसास होने लगा है,बढ़ती टूट रोकने के लिए अब दादागिरी से हाथ जोड़ने पर आ गयी हैं।
ताजा घटनाक्रम में सांसद शताब्दी राय ने जो मांग रखी हैं वो सब मान ली हैं।
1. हर कार्यक्रम और निर्णय की जानकारी
2.पार्टी में बड़ा पद
3.संसदीय क्षेत्र में विधायक प्रत्याशी तय करने की आज़ादी।
4.सांसदीय क्षेत्र का कोई भी कार्यक्रम इच्छा या जानकारी की बिना नही होगा
बगावती तेवर दिखाकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए मुश्किलें बढ़ा चुकीं सांसद शताब्दी रॉय (Shatabdi Roy) को बड़ा पद मिल गया है। टीएमसी ने अब बीरभूम से सांसद शताब्दी को पार्टी की पश्चिम बंगाल यूनिट का उपाध्यक्ष बना दिया है।
बीरभूम की टीएमसी सांसद और अभिनेत्री शताब्दी रॉय ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए बगावत के संकेत दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पार्टी में कुछ लोग उन्हें नीचा दिखाने में लगे हैं’। अपने राजनीतिक करियर के बारे में शताब्दी बड़ा फैसला ले सकती हैं, इसके लिए उन्होंने 16 जनवरी दोपहर 2 बजे का समय भी तय किया था।
टीएमसी सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद शताब्दी शायद ही बीरभूम में आयोजित पार्टी के किसी कार्यक्रम में दिखाई दी हैं। शताब्दी ने कहा, ‘लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं बीरभूम में होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों में क्यों नहीं दिखाई देती। मैं कैसे शामिल होऊं जब मुझे उनका शेड्यूल ही पता नहीं रहता? मुझे लगता है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं वहां रहूं।’
2009 से हैं बीरभूम की सांसद
शताब्दी राय ने साल 2009 में टीएमसी के टिकट पर बीरभूम से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुईं। बाद में वह 2014 और 2019 में भी यहीं से चुनाव जीतीं। इसके अलावा वह बंगाली सिनेमा की जानीमानी अभिनेत्री और निर्देशक भी हैं। उन्हें दो बार बीजेएफए सम्मान मिल चुका है।