मुगल बादशाह औरंगजेब को महान शासक बताने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में छिड़ा विवाद अब पंजाब पहुंच गया है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सतनाम संधू ने पंजाब कांग्रेस के सिख सांसदों से सवाल किया है कि इस मुद्दे पर उन्होंने क्यों चुप्पी साधी हुई है, जबकि औरंगजेब की क्रूरता का शिकार पंजाब भी हुआ था।
हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी को औरंगजेब के कारण बलिदान देना पड़ा। गुरु गोबिंद सिंह जी ने औरंगजेब के जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। साहिबजादों ने बलिदान दिया। क्या कांग्रेस के सांसद यह सब भूल गए हैं। कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद, पूर्व सांसद राशिद अल्वी और दानिश अली औरंगजेब की तारीफ कर रहे हैं।
गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों मंत्री
संधू ने कहा, छोटे-छोटे मुद्दे पर बोलने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान, स्पीकर कुलतार सिंह संधवां, हरपाल चीमा, हरजोत बैंस और सांसद मालविंदर कंग इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।
क्या उन्होंने भी स्वीकार कर लिया हैं कि औरंगजेब महाजन शासक था। क्या गुरु गोबिंद सिंह जी की ओर से औरंगजेब के जुल्म के खिलाफ लिखा गए जफरनामा की सच्चाई को झुठलाया जा सकता है।
भाजपा सांसद ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की चुप्पी पर भी हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि किसी फिल्म में सिखों पर टिप्पणी होने पर एसजीपीसी उसका तुरंत संज्ञान लेती है, लेकिन इतने गंभीर मुद्दे पर वह चुप क्यों है।
औरंगजेब को कहा गया था निर्दयी शासक
बता दें कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब निर्दयी शासक नहीं था, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। बाद में अबू आजमी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इस मौके पर उनके साथ पृतपाल सिंह बलियावाल और विनीत जोशी भी मौजूद थे।