हाल ही में झारखंड के कई जिलों के ऐसे इलाके के सरकारी स्कूलों के नाम बदलने का मामला सामने आया, जहाँ मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है। इन इलाकों के सरकारी स्कूलों के नाम बदलकर उर्दू स्कूल कर दिया गया और रविवार की जगह शुक्रवार (जुमे) की दिन छुट्टी घोषित कर दी गई।
झारखंड के हजारीबाग (Hazaribagh, Jharkhand) के एक गाँव में रहने वाले दो-तीन हिंदू परिवारों को मुस्लिमों द्वारा तंग करने का मामला सुर्खियों में है। इस गाँव की एक हिंदू लड़की को मुस्लिमों द्वारा कान पकड़वाकर जबरन उठक-बैठक कराने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, उन पर इस्लाम अपनाने (Religious Conversion in Islam) का भी दबाव बनाया जा रहा है।
मामला हजारीबाग के बड़कागाँव थाना क्षेत्र के सिरमा गाँव का है। इस गाँव की महिला किरण देवी का आरोप है कि 10 अगस्त की रात को मुखिया इशरत जहां के बेटे वसीम दर्जनों लोगों के साथ रात में उनके जबरन घुस गया और बेटियों को अगवा करके ले गया।
किरण देवी का आरोप है कि बाहर बारिश में भरी पंचायत में उनकी दोनों नाबालिग बेटियों के साथ गाली-गलौच और अश्लीलता की गई। उन्हें थप्पड़ मारे गए और कान पकड़वाकर सबके उठक-बैठक कराई गई। इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया गया। आरोपितों ने धमकी दी कि उनका पूजा-पाठ बंद करवा दिया जाएगा।
किरण देवी का कहना है कि अगले दिन जब इस घटना की शिकायत लेकर पंचायत समिति के पास गई तो तो 15-20 लोगों ने उन्हें घेर लिया, जिसमें मुस्लिम महिलाएँ भी शामिल थीं। वे सभी किरण देवी पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाने लगे। उन्होंने धमकाया कि इस गाँव में रहना है तो मुस्लिम बनना होगा, नहीं तो लापता करवा दिया जाएगा।
हालाँकि, पुलिस ने लापरवाही और पीड़ित परिवार पर ही केस दर्ज करने के बाद सनातन हिंदू समाज संगठन ने अनशन शुरू कर दिया। संगठन का कहना है कि पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय पुलिस ने उन पर ही मामला दर्ज कर दिया है। संगठन ने परिवार पर केस हटाने और उसे सुरक्षा देने की माँग की है।
बता दे कि सिरमा गाँव है मुस्लिम बहुल और यहाँ पर हिंदुओं के दो-तीन परिवार ही रहता है। जिस परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है उसमें दो नाबालिग लड़कियाँ, एक छोटा भाई और उनकी विधवा माँ है। उनके पिता तुलसी साव की मौत हो चुकी है।
मामले की शिकायत करने के बाद मुस्लिम पक्ष ने भी परिवार पर मुकदमा कर दिया। पुलिस ने पीड़ित परिवार पर ही धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कर लिया। इस पर पीड़िता का कहना है कि पुलिस आरोपितों को बचाने के लिए जानबूझकर मामले को उलझा रही है।
जब लोगों को इस बात का पता चला तो उनमें आक्रोश फैल गया। पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में अनशन शुरू कर दिया। लोगों के दबाव को देखते हुए पुलिस का कहना है कि दो आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य चार लोगों की तलाश जारी है। उन्हें जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।