कांवड़ यात्रा के लिए यूपी के मुजफ्फरनगर के सभी ढाबा संचालकों और रेहड़ी वालों को अपने नाम के साथ दुकान चलाने के निर्देश के बाद बिजनौर में भी कांवड़ मार्गों के ढाबों, होटलों के किए गए परिवर्तित नाम के लिए डीएम और एसपी अफसरों को बैठक कर सख्त निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि मुस्लिम लोग अपनी पहचान छिपा कर हिंदू देवी देवताओं के नाम पर ढाबा और होटल चलाते हुए गुमराह कर रहे थे. निर्देश के बाद से ही कांवड़ मेला के शुरू होने से पहले ढाबा मालिकों ने अपने ढाबों के नामों को काले पेंट से मिटाना शुरू कर दिया है.
नाम डिस्प्ले करना जरूरी
कांवड़ मेला शुरू होने वाला है, ऐसे में चारों ओर एक ही चर्चा है कि रास्ते में जितनी भी खान-पान की दुकानें हैं. चाहे वह होटल, ढाबे या ठेले हैं जहां से भी कांवड़िया अपनी खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं. वह अपने दुकान की नेम प्लेट डिस्प्ले करें. आपको बता दें कि देहरादून-नैनीताल नेशनल हाईवे स्थित कई ऐसे ढाबे थे, जिनके मालिक मुस्लिम हैं लेकिन अपने ढाबे हिन्दू नाम से चला रहे थे. ऐसे ही एक ढाबे का नाम – नीलकंठ फैमिली रेस्ट्राउंट एन्ड ढाबा और दूसरे ढाबे का नाम श्री खाटू श्याम टूरिस्ट ढाबा.
काले पेंट से छिपाए नाम
लेकिन अब कांवड़ मेला शुरू होने से पहले इन ढाबा मालिकों ने अपने ढाबे का नाम काले पेंट से रंग कर मिटा दिया है. ज़ी मीडिया ने ऐसे ही एक एक ढाबे पर काम करने वाले व्यक्ति से पिछले 5 दिनों में नाम बदलने का कारण पूछा तो उनकी तरफ से जवाब मिला कि स्थानीय पुलिस के कहने पर उन्होंने अपने ढाबे का नाम बदल दिया है.