Thursday, March 13, 2025
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इस्राइल दूतावास बम विस्फोट: 14 शक के दायरे में,8 ईरानी,60 सीसीटीवी फुटेज मिले

देश की राजधानी दिल्ली के अति सुरक्षित इलाके में इजरायली दूतावास के बाहर बम ब्लास्ट मामले में नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि कथित तौर पर दिल्ली बम ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद के तार कुलभूषण जाधव किडनैपिंग केस से भी जुड़े हैं।
कुलभूषण को पाक सेना के हवाले किया था
जैश-उल-हिंद को ईरानी आतंकी संगठन माना जाता है। इस संगठन ने ही कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार पोर्ट से अगवा कर पाकिस्तानी सेना के हवाले किया था। खुफिया एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी की मानें तो जैश-उल-हिंद या जैश-अल-अद्ल नाम के दोनों आतंकी संगठन दक्षिण-पूर्व इरान में ज्यादा सक्रिय है। इनका इलाका पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र से सटा है।
भारत के लिए शुभ संकेत नहीं
अगर यह संगठन वाकई अस्तित्व में आया है तो यह भारत के लिए खतरे की घंटी है। इस समूह का दावा है कि यह सिस्‍तान और बलोचिस्‍तान की आजादी के लिए लड़ रहा है। ईरान का मानना है कि इस समूह का अल कायदा से भी संबंध है। 2012 में जुंदाल्‍लाह नाम के एक सुन्‍नी कट्टरपंथी समूह के लोगों ने इसकी स्थापना की थी।

Policemen stand guard near the Israeli Embassy after a blast in the area in New Delhi, India, Friday, Jan. 29, 2021. A “very low intensity” device exploded Friday near the Israeli Embassy in the Indian capital, but there were no injuries and little damage, police said. (AP Photo/Manish Swarup)

4 देश कर चुके हैं आतंकी संगठन घोषित
इस समूह को ईरान के अलावा जापान, न्‍यूजीलैंड और अमरीका तक में आतंकी संगठन करार दिया जा चुका है। बता दें कि इस संगठन ने इजरायली दूतावास के बाहर बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली हैं टेलिग्राम के जरिए जारी मैसेज में धमकी दी है कि यह तो अभी सिर्फ शुरुआत है। आगे हम भारत के बड़े शहरों को टारगेट करेंगे। धमाके वाली जगह पर जांच का फोटो भी संगठन ने मेसेज के साथ पोस्ट किया है।

राजधानी दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास हुए ब्लास्ट मामले की जांच के दौरान मौके से लिफाफा मिलने के बाद से ही इस घटना के पीछे ईरान कनेक्शन को लेकर तफ्तीश आगे बढ़ाई जा रही है। इस कारण जांच में जुटी एजेंसियां ईरानी नेटवर्क को खंगाल रही हैं। अबतक जांच टीम 8 ईरानी समेत 14 संदिग्धों से शक के आधार पर पूछताछ कर चुकी है, जबकि घटनास्थल के अलावा आसपास के कई किलोमीटर के इलाके में लगे 60 से ज्यादा सीसीटीवी को भी खंगाला जा चुका है। वहीं ईरानी बदमाशों के डोजियर(आपराधिक रिकॉर्ड) भी खंगाले गए, लेकिन पुलिस अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।
मामले की जांच न केवल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है बल्कि एनआईए, आईबी और अन्य जांच एजेंसियां भी जुटी हुई हैं। खुद भारत सरकार इस मामले की जांच को लेकर काफी गंभीर है और यही वजह भी है कि देश की सभी प्रमुख जांच एजेंसियों को इस मामले की जांच गंभीरता पूर्वक करने को कहा गया है। इसलिए पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इस मामले की जांच से जुड़े अहम तथ्यों को सार्वजनिक करने से भी बच रहे हैं, क्योंकि ऐसा करने से कहीं न कहीं जांच प्रभावित हो सकती है और जो लोग इस पूरी वारदात में लिप्त हैं, वे भी सचेत हो सकते हैं।
क्यों है ईरानी नेटवर्क पर है शक की सुई
ईरानी कनेक्शन पर शक की सुई जाने का ठोस कारण भी है। दरअसल इसके पहले वर्ष 2012 में इजरायली दूतावास की कार पर स्टिकी बम लगाकर धमाका किया गया था। उसमें भी ईरान के ही संगठन का नाम सामने आया था। इस बार भी ईरान के संगठन पर ही शक की सुई इसलिए घूम रही है, क्योंकि पिछले कुछ समय की बात करें तो ईरान के कुछ महत्वपूर्ण लोगों की हत्या की गई है, जिसके लिए ईरान इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था। उपर से मौके से मिले लिफाफा को लेकर शक और भी गहरा गया है। इसलिए ब्लास्ट के पीछे ईरान की ओर ही इशरार जा रहा है। उधर जांच एजेंसियों ने एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर लगे कई सीसीटीवी कैमरो की फुटेज को खंगाला है, लेकिन फुटेज हासिल करने के बाद भी अभी तक कोई संदिग्ध पुलिस के हाथ नहीं लगा है।

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