इंडिया टुडे ने 6, अप्रैल 2021 को फेक न्यूज से सजी हुई एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें यह कहा गया कि केंद्र सरकार ने चिंता जताई है कि हरिद्वार का कुम्भ मेला कोरोना वायरस के वृहद फैलाव का कारण बन रहा है। रिपोर्ट की हेडलाइन थी, “Kumbh Mela becoming a super-spreader event, hope SOP is followed: Centre”. अर्थात “कुम्भ मेला सुपर स्प्रेडर बन रहा है, आशा है कि सभी स्टैन्डर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर फॉलो किए जा रहे हैं : केंद्र”
इस हेडलाइन से यही समझ में आता है कि कुम्भ मेला कोविड-19 का हॉटस्पॉट बन चुका है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट प्रकाशित होने के पश्चात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ट्विटर के माध्यम से रिपोर्ट को ‘गलत और फेक’ बताया।
केंद्र सरकार ने हरिद्वार कुम्भ मेला के विषय में क्या कहा और कैसे इंडिया टुडे ने उसे तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया
इंडिया टुडे की रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय की 6, अप्रैल को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर आधारित थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में एक पत्रकार द्वारा प्रश्न पूछा गया कि क्या महाकुम्भ कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन रहा है और क्या मेला को निर्धारित समय से पहले समाप्त करने की कोई योजना है?
इस प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि साढ़े तीन से चार महीने तक चलने वाले महा कुम्भ की अवधि घटाकर एक महीने कर ही दी गई है ऐसे में किसी नैरेटिव के चलते तथ्यों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। जहाँ तक रही मेला के कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट बनने की बात तो केंद्र सरकार ने महीने भर पहले ही मेला उत्सव के लिए स्टैन्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बना दिया था।
राज्य सरकार के साथ मिलकर सभी प्रोटोकॉल पर विस्तृत चर्चाएँ हो चुकी हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि हमें आशा है कि राज्य सरकार जमीनी स्तर पर एसओपी को लागू कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि उत्सव के दौरान एसओपी का पालन हो। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि कहीं भी यह नहीं कहा गया कि कुम्भ मेला कोरोना वायरस का बड़ा प्रसारक बन गया है अथवा ऐसा होने की कोई संभावना भी है लेकिन इंडिया टुडे की रिपोर्ट तो कुछ और ही कहती है।
फेक न्यूज फैलाने के बाद भी इंडिया टुडे का एजेंडा बरकरार रहा
मंत्रालय के फैक्ट चेक किए जाने के बाद भी इंडिया टुडे का एजेंडा बरकरार रहा। बिना किसी स्पष्टीकरण के इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट बदल दी। हालाँकि मीडिया समूह द्वारा सिर्फ हेडलाइन ही बदली गई जबकि रिपोर्ट का यूआरएल वैसा ही रहा।
रिपोर्ट में कई जगह कुम्भ मेला का कोरोना वायरस के बड़े प्रसारक के रूप में वर्णन किया जाता रहा। केंद्र सरकार द्वारा ‘सुपर स्प्रेडर’ शब्द का उपयोग नहीं किए जाने के बाद भी इंडिया टुडे लगातार इस शब्द का उपयोग करता रहा।
कुम्भ मेला की अवधि घटाकर एक महीने की गई है, मेला में शामिल होने के लिए निगेटिव कोविड टेस्ट रिपोर्ट की आवश्यकता है और एसओपी के कड़े प्रोटोकॉल्स जैसे तथ्यों को भुला कर इंडिया टुडे का जोर इस बात पर ही रहा कि कुम्भ मेला कोरोना वायरस का बड़ा प्रसारक बन रहा है।