हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को नगर निगम से संपर्क कर संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को सील करने या ध्वस्त करने की पेशकश की। यह कदम उस विवाद के संदर्भ में उठाया गया है जो मस्जिद में कथित अनधिकृत निर्माण के कारण उत्पन्न हुआ था।
मस्जिद में जब जमात होती हैं यानी जब यह लोग हजारों मुसलमान को बुलाते हैं
तब यह लोग यूं ही सड़कों पर लेट्रिन, पेशाब करते हैं और अगर लेटरिंग में बैठकर करते हैं तो दरवाजा नहीं बंद करते ????
इन्होंने पूरे शिमला का माहौल बर्बाद कर दिया है खराब कर दिया है????
और कांग्रेस सरकार सोई है???? pic.twitter.com/X9wDFxzQHC
— Prof Sudhanshu (@Sudanshutrivedi) September 12, 2024
बुधवार को कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अनधिकृत निर्माण के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के दौरान पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का उपयोग करना पड़ा। संजौली मस्जिद के इमाम शहजाद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने नगर निगम से अनुरोध किया है कि यदि किसी हिस्से को अवैध माना जाता है, तो उसे सील करने या गिराने की अनुमति दी जाए और यह काम समुदाय खुद करे।
यह कमल गौतम है जो दलित हिंदू है
इन्होंने ही शिमला की संजौली की अवैध मस्जिद के खिलाफ दो आरटीआई लगाई थी हिमाचल प्रदेश सरकार को मजबूरी में जवाब देना पड़ा कि यह मस्जिद अवैध है
उसके बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार उनके पीछे पड़ गई और इन्हें सरकारी नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया और… pic.twitter.com/2NbpExpYE0
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) September 11, 2024
नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की और कहा कि अभी यह पता लगाया जाना बाकी है कि कितनी हिस्से अवैध हैं। देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्य विजय शर्मा ने मुस्लिम समुदाय के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह व्यापक हित में एक सकारात्मक पहल है। इससे पहले शिमला व्यापार मंडल ने एक बंद का आह्वान किया था, जिसके कारण सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक दुकानें बंद रहीं। मस्जिद में अनधिकृत निर्माण का मामला नगर निगम की अदालत में चल रहा है।