सड़क किनारे बने धार्मिक स्थलों पर योगी सरकार का ऐक्शन, आधी रात को बाराबंकी में हटाई गई मजार
हाई कोर्ट के आदेश के यूपी सरकार का ऐक्शन तेज है। अब सड़क किनारे बने मंदिर मस्जिद को हटाया जाएगा। इसकी शुरुआत बाराबंकी से हो गई है। यहां बीच सड़क बनी मजार को आधी रात को हटवाया गया।
हाइलाइट्स:
यूपी में सार्वजनिक स्थानों से अवैध धार्मिक स्थल हटाने के आदेश के बाद योगी सरकार ऐक्शन में
लखनऊ से सटे बाराबंकी में प्रशासन ने आधी रात को सड़क के बीचों-बीच बनी मजार को हटवाया
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मजार को ईदगाह के पास स्थापित किया जाएगा
अवैध धार्मिक स्थलों पर योगी सरकार का ऐक्शन, बाराबंकी में हटाई गई मजार
बाराबंकी
यूपी में सार्वजनिक स्थानों से अवैध धार्मिक स्थल हटाने के आदेश के बाद योगी सरकार ऐक्शन में है। बाराबंकी में प्रशासन ने शनिवार को सड़क के बीचों-बीच बनी मजार को हटवाया। आपसी सहमति के बाद आधी रात को तहसील फतेहपुर शहर के बीच बनी पकारिया के पेड़ वाली मजार को रास्ते से हटाया गया। मजार को अब ईदगाह के पास विस्थापित किया जाएगा।
दो दिन पहले आया था कोर्ट और सरकार का आदेश
सरकार के सार्वजनिक स्थानों से धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश पर फतेहपुर एसडीएम पंकज सिंह ने शनिवार को आपात बैठक बुलाई। इसमें नगर पंचायत फतेहपुर में मध्य रोड पर लगे पकरिया के पेड़ व पास में बनी मजार को हटाने पर आम सहमति बनी।
ईदगाह के पास स्थापित की जाएगी मजार
बैठक में पूर्व चेयरमैन मो.मशकूर व व्यापार मंडल के अध्यक्ष रविंद्र कुमार वर्मा ने भागीदारी की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस मजार को ईदगाह के पास स्थापित किया जाएगा।
2011 के बाद से बने धार्मिक निर्माण हटाए जाएंगे
यूपी में सार्वजनिक सड़कों पर एक जनवरी 2011 या इसके बाद हुए धार्मिक निर्माण हटाए जाएंगे। हाई कोर्ट के आदेश पर गृह विभाग की ओर ये निर्देश जारी किए गए थे। गृह विभाग की ओर से कहा गया है कि अतिक्रमण होने पर संबंधित जिला अधिकारी ही दोषी माना जाएगा।
पिछले 10 साल में बढ़ा अवैध निर्माण
सरकारी अनुमान के मुताबिक, यूपी में अवैध धार्मिक स्थलों की संख्या पिछले 10 साल में काफी बढ़ गई है। अब योगी सरकार ने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। जनवरी 2011 के बाद सड़क किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थलों को निजी स्थानों पर शिफ्ट कराया जाएगा। शासन ने दो महीने के अंदर रिपोर्ट मांगी है।