गैंग वार
Sanjeev Jeewa Murder : लखनऊ कोर्ट परिसर में हुई गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, संजीव जीवा की हत्या गैंगवार के चलते हुई है. सूत्रों के मुताबिक, जरायम की दुनिया में वर्चस्व की जंग के चलते गैंगस्टर संजीव जीवा को मौत के घाट उतार दिया गया. पूरे मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है. एक सप्ताह में एसआईटी को रिपोर्ट देने को कहा गया है.
वर्चस्व में हुई संजीव जीवा की हत्या
सूत्रों के मुताबिक, अपराध की दुनिया में संजीव जीवा के कदम बढ़ते जा रहे थे. जेल में बंद होने के बावजूद गैंग काम कर रहा था. बताया गया कि वह जेल के अंदर से ही गैंग चला रहा था. जरायम की दुनिया में वर्चस्व की जंग में संजीव की हत्या कर दी गई. संजीव जीवा के हत्या की शक की सूई गैंगस्टर सुनील राठी की तरफ घूम रही है.
पुरानी दुश्मनी चली आ रही थी
सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टर सुनील राठी से संजीव जीवा की पुरानी अदावत चली आ रही थी. यह पुरानी दुश्मनी मुन्ना बजरंगी के करीबी होने के चलते चली आ रही थी. बता दें कि सुनील राठी पर ही मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कराने का आरोप है. 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में बंद मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कराने का आरोप है.
संजीव का हत्यारा सुनील राठी गैंग के संपर्क में था!
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से ही दोनों के बीच अदावत चरम पर पहुंच गई थी. पश्चिमी यूपी में सुनील राठी और संजीव जीवा गैंग में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी. संजीव जीवा शूटआउट के आरोपी विजय यादव के सुनील राठी गैंग के संपर्क में आने की जानकारी सामने आ रही है. करीब 3 महीने पहले मुंबई में रहते हुए वह सुनील राठी गैंग के संपर्क में आया था.
पहले से ही कर रहा था रेकी
बताया गया कि पिछले एक महीने से आरोपी विजय यादव अपने घरवालों के संपर्क में नहीं था. लखनऊ कोर्ट की रेकी और हत्या की प्लानिंग करने के चलते करीब 1 महीने से गायब था. यही वजह रही कि वह कोर्ट परिसर में तैनात सुरक्षा घेरे को बखूबी जानता था और बड़ी आसानी से घटना को अंजाम दे सका.
पिता की हत्या का बदला लेने को अपराध की दुनिया में रखा कदम, बना उत्तराखंड और यूपी का डॉन नंबर वन
सुनील राठी पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में आया और लौट नहीं पाया। यूपी में कई बाहुबली हुए लेकिन कुख्यात सुनील राठी को यूपी-उत्तराखंड का डॉन नंबर वन कहा गया।
पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के अपराध जगत में सुनील राठी का दबदबा है।
तिहाड़ से हरिद्वार जेल पहुंचा कुख्यात सुनील राठी जेल में बंद रहकर भी अपराध की दुनिया में धमक बढ़ाने के लिए जाना जाता है।
यूपी में कई बाहुबली हुए, लेकिन कुख्यात सुनील राठी को यूपी-उत्तराखंड का डॉन नंबर वन कहा गया। सुनील राठी पर एक अन्य कुख्यात मुन्ना बजरंगी को जेल के अंदर मारने का आरोप है।
हरिद्वार जिले के जिला कारागार रोशनाबाद जेल में बंद है सुनील राठी
कुख्यात सुनील राठी इस वक्त हरिद्वार जिले के जिला कारागार रोशनाबाद जेल में बंद है। पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के अपराध जगत में सुनील राठी का अपना दबदबा है। उसने दिल्ली में भी कुछ वारदातों को अंजाम दिया है।
वहीं हरियाणा और पंजाब के कुख्यातों में भी सुनील राठी की धमक है। सुनील राठी पिता की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में आया और वहां से लौट नहीं पाया।
1999 में बागपत जिले के टिकरी नगर पंचायत के अध्यक्ष और सुनील राठी के पिता नरेश राठी की हत्या कर दी गई थी।
पिता की हत्या का बदला लेने के बाद राठी ने अपराध की दुनिया में एंट्री की।
राठी उस समय मजब 21 वर्ष का था।
अपने पिता की हत्या का बदला लेने के बाद राठी ने जरायम की दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रुड़की का राधेश्याम हत्याकांड हो या फिर रुड़की के डिप्टी जेलर नरेंद्र खम्पा की हत्या, सुनील राठी का नाम हरिद्वार के तमाम बड़े अपराधों में गूंजता रहा।
रुड़की उप कारागार के बाहर चीनू पंडित और उसके साथियों पर स्वचालित हथियारों से किए गए हमले में हुई तीन हत्याओं को लेकर भी सुनील राठी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
साल 2018 में बागपत जेल में उसने मुख्तार अंसारी गैंग के प्रमुख सदस्य प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
राठी के खिलाफ वर्तमान में कुल 18 केस लंबित हैं, जिनमें 10 मुकदमे उत्तर प्रदेश और आठ उत्तराखंड में है।
उत्तर प्रदेश में लंबित सभी मुकदमे हत्या और वसूली समेत संगीन धाराओं में हैं।
राठी की मां राजबाला देवी टीकरी नगर पंचायत की चेयरमैन रह चुकी हैं।
राजबाला बीएसपी से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है।
राठी का साथ देने पर 2018 में हरिद्वार पुलिस ने राजबाला को भी गिरफ्तार किया था।
कुख्यात राठी व यशपाल तोमर को वीआइपी ट्रीटमेंट मिलने की चर्चा
तिहाड़ जेल से नाटकीय घटनाक्रम के तहत शिफ्ट होकर हरिद्वार पहुंचे कुख्यात सुनील राठी और छह माह पहले गिरफ्तार हुए चर्चित भू माफिया यशपाल तोमर को वीआइपी ट्रीटमेंट मिलने की चर्चाएं जोरों पर हैं।
इसके बीच डीआइजी जेल कृष्ण कुमार वीके ने आधी रात जेल का औचक निरीक्षण भी किया। सुनील राठी और यशपाल तोमर की बैरकों के अलावा अन्य बैरकों को भी बारीकी से खंगाला गया।
कौन है यशपाल तोमर?
ज्वालापुर की विवादित 56 बीघा जमीन मामले में बागपत के भूमाफिया यशपाल तोमर को एसटीएफ उत्तराखंड ने नोएडा से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने भी यशपाल की कुंडली खंगाली।
सैकड़ों करोड़ की जमीनों पर कब्जे के मामले सामने आने के बाद यशपाल के खिलाफ उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों में मुकदमे दर्ज किए गए। उत्तराखंड के कई आइएएस और आइपीएस के स्वजन का नाम भी उत्तर प्रदेश में दर्ज एक मुकदमे में सामने आया है।
राठी के आने से बदल गया जेल का माहौल
सुनील राठी के अचानक हरिद्वार आने से जिला कारागार का माहौल ही बदल गया है। हालांकि, जेल प्रशासन पहले ही दिन राठी को प्रदेश की किसी अन्य जेल में शिफ्ट करने के लिए आला अधिकारियों को पत्र भेज चुका है। साथ ही राठी को आम कैदियों के साथ रखने के बजाय तन्हाई बैरक में रखा हुआ है। उससे किसी को मिलने-जुलने की इजाजत भी नहीं है।
20 साल से जेल में रहकर चला रहा नेटवर्क
20 साल से जेल के भीतर रहकर तीन राज्यों में अपने ज्ञान का नेटवर्क चला रहे सुनील राठी के अब एक बार फिर हरिद्वार जेल में पहुंचने से जहां जेल प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। वहीं पुलिस और खुफिया एजेंसियों की टेंशन भी बढ़ गई है। जिला कारागार रोशनाबाद में राठी का खास गुर्गा कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि पहले से बंद है। इसलिए जेल प्रशासन की चिंता बढ़ी हुई है।