Friday, March 14, 2025
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राहुल गांधी की सज़ा माफ नही हुई,ये गुलमटे नेता सच्चाई चुप कर,वफादारी का पट्टा चमका रहे गले मे

“राहुल गांधी की ‘मोदी’ उपनाम पर की गई टिप्पणी बेहद अपमानजनक थी, सुप्रीम कोर्ट ने… “, हरीश साल्वे ने कहा

Highlights हरीश साल्वे ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा ‘मोदी’ उपनाम पर की गई टिप्पणी बेहद अशोभनीय थीराहुल गांधी, जिस तरह के सार्वजनिक जीवन में हैं, उनसे ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती हैसभी जानते हैं कि राहुल पीएम बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन क्या ऐसी भाषा उन्हें शोभा देती है

नई दिल्ली: देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे ने राहुल गांधी को ‘मोदी’ मानहानी केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा को निलंबित किये जाने पर अपनी राय रखते हुए कहा कि कोर्ट ने उन्हें मामले की योग्यता के कारण राहत नहीं दी है बल्कि सर्वोच्च अदालत ने राहुल गांधी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वायनाड की जनता के प्रति चिंता प्रगट करते हुए ऐसा किया है।

समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए हरीश साल्वे ने कहा है कि राहुल गांधी द्वारा “मोदी उपनाम” में की गई टिप्पणी बेहद अशोभनीय थी क्योंकि वो जिस तरह के सार्वजनिक जीवन में हैं, उनसे ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती है।

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को दोषी ठहराया जाना चाहिए या नहीं यह एक अलग मुद्दा है लेकिन उनके बात करने का तरीका बेहद अपमानजनक था। आप झूठे आरोप लगा रहे हैं और फिर आप कहते हैं कि मैं सार्वजनिक जीवन में हूं। चाहे वह इससे कितना भी इनकार करें लेकिन हर कोई जानता है कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं। क्या उनके कद के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना ठीक है?”

साल्वे ने जोर देते हुए कहा, “माननीय सुप्रीम कोर्ट के जजों ने साफ कहा कि उन्होंने जो भी कहा था, वह गलत था और उन्हें इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने दोषसिद्धि पर इस कारम से रोक लगा दी क्योंकि दोषी ठहराए जाने के खिलाफ उनकी अपील पर फैसला आने तक उन्हें वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने देना चाहिए। इसीलिए उनको मिली राहत योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि वायनाड की जनता को देखते हुए दिया गया है।”

मालूम हो कि राहुल गांधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में ‘मोदी’ उपनाम को लेते हुए एक विवादित भाषण दिया था। जिस पर उनके खिलाफ गुजरात के सूरत से भाजपा विधायक पुर्णेश मोदी ने सूरत के कोर्ट में मानहानि का केस किया था। जिसमें कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

कोर्ट की इस सजा के कारण राहुल गांधी की केरल के वायनाड से लोकसभा सांसदी चली गई थी और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्होंने इस आदेश को पहले हाईकोर्ट में चुनौती दी और उसके बाद वो सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि राहुल गांधी की टिप्पणी बेहद अनुचित थी लेकिन सजा के कारण न केवल राहुल गांधी बल्कि वायनाड की जनता भी प्रभावित होगी। इस कारण सर्वोच्च अदालत ने राहुल गांधी की सजा को सजा को निलंबित करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा को निलंबित करते हुए कहा, ”इसमें कोई संदेह नहीं है कि याचिकाकर्ता (राहुल गांधी) के बयान अशोभनीय हैं। याचिकाकर्ता को भाषण देने में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए थी।”

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