‘सोनिया और राहुल गांधी कोर्ट को गुमराह कर रहे…’ नेशनल हेराल्ड केस में ED के वकील ने कोर्ट में दलीलें दीं
नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी पर एजेएल की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण का आरोप लगाया है. ईडी ने कोर्ट में सोनिया और राहुल गांधी के बयान को भ्रामक बताया.
हाइलाइट्स
ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया.
गांधी परिवार पर एजेएल की संपत्तियों के अधिग्रहण का आरोप.
ईडी ने कोर्ट में सोनिया और राहुल गांधी के बयान को भ्रामक बताया.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपियों की दलीलों का विरोध किया. आरोपियों ने अपनी दलीलें पूरी कर लीं. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष पेश होते हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस.वी. राजू ने तर्क दिया कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन के बीच हुआ लेन-देन एक दिखावा था.
सोनिया और राहुल कोर्ट को गुमराह कर रहे, नेशनल हेराल्ड केस में ED की दलील
ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. फाइल फोटो
एस वी राजू ने मंगलवार को कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने शेयरधारकों को परिसंपत्तियों का हकदार नहीं होने के बारे में एक भ्रामक और गलत बयान दिया है. राजू ने अपने तर्क के समर्थन में कंपनी अधिनियम की धारा 25 का हवाला दिया. जांच एजेंसी ने गांधी के इस दावे को गलत बताया कि उनके पास संपत्तियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. ईडी ने कोर्ट में कहा कि गांधी का बयान भ्रामक है.
राजू ने तर्क दिया, “अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को धन दिया गया था, जिसका उचित उपयोग किया जाना था, लेकिन जिस तरह से उन्होंने 90 करोड़ रुपये का उपयोग किया (उससे पता चलता है) कि उन्होंने आपराधिक विश्वासघात किया है.” उन्होंने कहा कि एजेएल और यंग इंडियन के बीच हुआ लेन-देन एक दिखावा था. उनकी दलीलें 12 जुलाई को जारी रहेंगी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार प्रकाशित करने वाली एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण पर साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है.
ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपए के ऋण के बदले में धोखाधड़ी करके एजेएल की संपत्ति हड़प ली. ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन (मनी लॉन्ड्रिंग) और चार (मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सजा) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है.
ईडी ने अपने 2023 के कुर्की आदेश और अप्रैल 2025 की चार्जशीट में आरोप लगाया है कि लोन ट्रांसफर और इक्विटी कन्वर्जन मनी लॉन्ड्रिंग प्लानिंग का एक हिस्सा है. एजेंसी का दावा है कि एआईसीसी के फंड (सार्वजनिक दान सहित) का इस्तेमाल धोखाधड़ी से एजेएल की एसेट्स का कंट्रोल वाईआईएल को ट्रांसफर करने के लिए किया गया, जिसका स्वामित्व सोनिया और राहुल गांधी के पास है.
ईडी ने आगे आरोप लगाया कि एजेएल, वाईआईएल और एआईसीसी ने वाईआईएल को संपत्ति ट्रांसफर करके एजेएल के मूल शेयरहोल्डर्स और कांग्रेस के दानदाताओं के साथ धोखाधड़ी की है.
नवंबर 2010 में यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) नाम की एक कंपनी की स्थापना की गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी मेजॉरिटी शेयरहोल्डर्स थे, जिनमें से हर एक के पास 38 फीसदी शेयर (कुल 76%) थे. YIL की पेड-अप केपिटल 5 लाख रुपये थी. एजेएल को अपना परिचालन जारी रखने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) से ब्याज मुक्त कर्ज के रूप में 90.25 करोड़ रुपये लेने थे.






