Friday, June 20, 2025
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टाइम्स ऑफ इंडिया ने फिर बोला झूठ,फिर झूठी खबर फैलाई

TOI ने सोफिया कुरैशी-व्योमिका सिंह पर ’52 बीघा’ में छापी फेक न्यूज, माफीनामा ‘चुन्नू’ सा: भाजपा के चेहरा बनाने का किया था दावा, पार्टी ने पकड़ लिया था झूठ

टाइम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) ने भाजपा से जुड़ी एक झूठी खबर प्रकाशित करने के मामले में माफी माँग ली है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक खबर में दावा किया था कि भाजपा कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को अपने चुनावी अभियान का चेहरा बनाने वाली है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने यह माफी सोमवार (2 जून, 2025) को प्रकाशित की। TOI ने स्पष्ट किया कि उसकी रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत थी। TOI की तरफ से इस खबर पर खेद व्यक्त किया गया। अखबार ने भाजपा से जुड़ी झूठी खबर छापने के लिए माफ़ी भी माँगी है।

TOI ने लिखा, “TOI के लखनऊ और चेन्नई के 1 जून के संस्करणों में एक रिपोर्ट छपी थी, जिसका शीर्षक था ‘कर्नल कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका भाजपा के प्रचार अभियान का चेहरा बनने वाले हैं’ , फिर हमें पता चला कि भाजपा की ऐसी कोई योजना नहीं है।”

आगे TOI ने बताया, “हाँलाकि यह रिपोर्ट भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के साथ बातचीत पर आधारित थी, लेकिन हमें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से इसकी जाँच करनी चाहिए थी। हम इस गलती के लिए माफी माँगते हैं।”

गौरतलब है कि TOI ने अपनी रिपोर्ट में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई थी। दरअसल सिद्दीकी ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को महिलाओं, विशेषकर मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया था।

वहीं TOI रिपोर्ट में इसे इस तरह दिखाया गया कि जैसे भाजपा ऑपरेशन सिंदूर के विषय में दुनिया को बताने वाली इन दोनों महिला अधिकारियों को चुनाव अभियान का चेहरा बनाने जा रही हो। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 9 जून 2025 को मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने के मौके पर भाजपा यह अभियान चालू करेगी।

खबर में बताया गया था कि भाजपा यह अभियान महिला सशक्तिकरण को लेकर चलाएगी। खबर प्रकाशित होने के बाद भाजपा ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था। भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर इसे फेक न्यूज बताया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा की ऐसी कोई योजना नहीं है।

इससे पहले भाजपा को दैनिक भास्कर की भी ऐसी ही एक झूठी खबर के लिए सफाई देनी पड़ी थी। इस खबर में दावा किया गया था कि पार्टी घर-घर सिंदूर भेजने का अभियान चलाने वाली है। भाजपा ने इस खबर को पूरी तरह बेबुनियाद बताया था और स्पष्ट किया था कि ऐसी कोई योजना नहीं है।

ध्यान देने वाली बात है कि जब इन अखबारों ने भाजपा से जुड़ी यह खबरें बिना कोई तथ्य जाँचे छापीं, तो उन्होंने इसे मुख पन्नों पर जगह दी। उसे एकदम डिटेल में छापा। इसके चलते भाजपा के खिलाफ खूब दुष्प्रचार भी हुआ। भाजपा को इसके चलते सामने आकर खंडन करना पड़ा।

जब भाजपा ने इन अखबारों की इन खबरों को स्पष्ट तौर पर झूठा बता दिया तो इन्होने माफ़ी के तौर पर एक छोटे से कोने में इसके लिए माफी छाप दी, जिस पर शायद ही किसी की नजर पड़े। ऐसे में यह सन्देश जाता है कि अखबार फर्जी खबर को तो खूब प्रचारित करना चाहते हैं लेकिन अपनी गलती स्वीकार करने में वह बचते हैं।

किसी पार्टी के एजेंडे या अभियान को लेकर ऐसी अफवाह या भ्रामकता फैलाना उस पार्टी की छवि पर भी प्रभाव डालता है। ऐसे में इस इस छवि बिगाड़ने के जिम्मेदार अखबारों को छोटा माफीनामा नहीं बल्कि वापस पूरी खबर सही तथ्यों के साथ छापनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो रहा, तो इसे बेईमानी ही कहा जाएगा।

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