“कांग्रेस इंदिरा गांधी के टाइम पे पुंछ, उरी और पूरी नीलम-किशनगंगा घाटी पाकिस्तान को थाली में परोसने को तैयार थी!
1962 से 64 के बीच भुट्टो से बातचीत में यही चालें चली जा रही थीं — और पीछे से अमेरिका-ब्रिटेन का जोर डालना भी चालू था।”-
सांसद निशिकांत दुबे का आयरन लेडी पर एक ओर धमाकेदार खुलासा….!
अब सवाल उठता है —
इंदिरा गांधी वाकई ‘आयरन लेडी’ थीं,
या पाकिस्तान के आगे नरम पड़ने वाली कांग्रेस की माई-बाप?
देश के हिस्से को सौदा बना देना —
क्या यही था कांग्रेस का असली चेहरा?