डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट सक्रिय,नीतीश कुमार को तोड़ने का अंतिम प्रयास जारी
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का परिणाम आ गया है। इस चुनाव में भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में इस चुनाव में बड़ी बढ़त मिली है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा गया कथित तौर पर एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस पत्र को साझा कर सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने गिरिराज सिंह को बिहार के सीएम बनाने की मांग जेपी नड्डा से की है। पीएम मोदी का यह कथित पत्र वाट्सऐप, ट्विटर व दूसरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि यह पत्र ज्यादातर वाट्सऐप पर घूम रहा है। कई ट्विटर यूजर्स ने वायरल लेटर भी कैप्शन के साथ पोस्ट किया है जिसमें लिखा है कि बिहार चुनाव नतीजों से पहले ही पीएम मोदी ने बिहार के सीएम का चयन कर लिया है, गिरिराज सिंह बिहार के अगले सीएम होंगे।
इस पत्र के एक हिस्से में लिखा है कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र पार्टी जो लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन करती है। बिहार में जनमत का सम्मान करते हुए भाजपा के मजबूत तीन उम्मीदवारों में से मुख्यमंत्री बिहार के रूप में श्री गिरिराज सिंह को मेरा वोट। इसके अलावा पत्र में लिखा है कि राम मंदिर के मील के पत्थर को पूरा करने में श्री गिरिराज सिंह का योगदान अतिरिक्त सामान्य और सराहनीय है।
इस पत्र की सच्चाई ये है-
पत्र की सच्चाई को जांचने के लिए हमने सबसे पहले पत्र को ध्यान से पढ़ने का फैसला किया। पत्र को पढ़ने पर पहली ही बार में कई व्याकरण की त्रुटियों देखने को मिला। इस तरह की गलतियां पीएमओ से जारी किसी पत्र में होने की संभावना नहीं होती है। उदाहरण के लिए “milestone” और “extraordinary” दो एकल शब्द हैं, लेकिन पत्र में उन्हें दो अलग-अलग शब्दों के रूप में उपयोग किया गया है।
पीएम नरेंद्र मोदी कार्यालय द्वारा लिखे गए दूसरे पत्र की तुलना वायरल पत्र से करने पर हमने पाया कि दोनों पत्रों में व उनके लिखने के अंदाज में काफी अंतर है। मूल पत्र में डेटलाइन का उल्लेख हिंदी में भी किया गया है, लेकिन वायरल पत्र में, यह केवल अंग्रेजी में है।
इसके अलावा, वायरल पत्र में और पीएम मोदी के दूसरे पत्र में मूल हस्ताक्षर में अंतर देखने को मिलता है। वायरल पत्र और मुख्य पत्र के हस्ताक्षर में अक्षर N बाद जो सर्कल बना है वह दोनों पत्र में उल्टा है। ’N’ के चारों ओर का अण्डाकार लूप मूल हस्ताक्षर में बोल्ड और मजबूत है जबकि वायरल वाले में वक्र बोल्ड नहीं है। इस तरह वायरल हो रहा पत्र फेक है।