एक बड़ी विचलित करनेवाली अपुष्ट सूचना आ रही है. अपुष्ट सूचना यह है कि जिस दिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास से ईडी अधिकारियों के आने के पहले 40 घंटे तक रहस्यमय तरीके से गायब हो गये थे, उसी दिन राजस्व विभाग ने 8.46 एकड़ की विवादास्पद जमीन की जमाबंदी रद्द कर दी. इसे असली जमीन मालिकों को लौटा भी दिया.
राजनीति से संन्यास की घोषणा
गौरतलब है कि जमीन घोटाले मामले में हेमंत सोरेन ने सोमवार को सदन में कहा था कि अगर इससे संबंधित प्रमाण, कागज यहां दिखा दिया जाये तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे, बल्कि झारखंड ही छोड़ देंगे.
31 जनवरी को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से रोज ही इस मामले से जुड़े नयी घटनाएं देखने को मिल रही है. गिरफ्तारी के बाद पूरी सरकार बदल गयी. अब मंत्रियों के चेहरे पर मंथन होने की बात हो रही है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने साफ लफ्जों में कह दिया है कि नयी सरकार पुरानी हेमंत सोरेन सरकार की ही पार्ट-2 है. इस बीच अब नयी जानकारी सामने आ रही है. अपनी गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड को अवैध बताते हुए एक फरवरी को हेमंत सोरेन की ओर से अदालत के समक्ष दो अहम दस्तावेज पेश किए गए. जिसमे यह दावा किया गया है कि उक्त 8.46 एकड़ भूमि मूल मालिकों के पास ही हैं. इस जमीन पर कभी भी हेमंत सोरेन का कब्जा नहीं था.
16 अगस्त 2023 को मूल मालिकों ने जमीन पर किया था अपना दावा
पुख्ता सूत्रों की माने तो 16 अगस्त 2023 को जमीन के मूल मालिकों ने भू-राजस्व विभाग के पास यह दावा कि था बड़गाईं स्थित यह जमीन उनकी है. इस बाबत लिखित रूप से विभाग को इस बात की जानकारी मूल मालिकों की तरफ दी गयी थी. राजनीतिक गलियारों में इसे एक संयोग एक रूप में देखा जा रहा है कि 14 अगस्त 2023 को ईडी की तरफ से इसी जमीन को लेकर पूछताछ के लिए पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को समन जारी किया गया था. इसे लेकर कई तरह के बात राजनीतिक एंगल से विपक्ष तलाशने की कोशिश कर रहा है. इस मामले को लेकर बीजेपी की तरफ से कई पदाधिकारी हेमंत सोरेन पर हमलावर भी हैं.
29 जनवरी को जमीन के पंजी-2 में हुआ सुधार
एक तरफ से बड़गाईं अंचल की इस विवादित जमीन को लेकर हेमंत सोरेन और ईडी के बीच कानूनी जंग जारी थी, तो दूसरी तरफ मामला अनुसूचित क्षेत्र विनियम (एसआरए) के पास था. मीडिया में इस बात को लेकर कभी कोई खबर नहीं आयी. लेकिन अब न्यूज विंग इस बात की पुष्टि करता है कि तत्कालीन सीओ बड़गाईं सीओ मनोज कुमार ने 29 जनवरी को इस जमीन से संबंधित पंजी-2 में सुधार किया है. इस मामले पर न्यूज विंग ने पहले बड़गाईं के वर्तमान सीओ शिवशंकर पांडे से बात की. उन्होंने बताया कि वो इस बारे कुछ नहीं जानते. उन्होंने पांच फरवरी को प्रभार लिया है. वहीं पूर्व सीओ मनोज ने कहा कि एसआए कार्यालय से पंजी-2 में सुधार करने के लिए आदेश आया था. जिसकी तामीला मैंने की. अब यहां भी एक संयोग होता दिखाई दे रहा है कि 29 जनवरी को ही दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साउथ दिल्ली स्थित आवास पर ईडी की छापेमारी जारी थी और हेमंत सोरेन ट्रेसलेस थे.