लखनऊ. केंद्रीय गृहमंत्री का निजी सचिव बनकर नेताओं को मंत्री बनाने, विधायक व विधान परिषद का टिकट दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करेन वाले गिरोह का पर्दाफाश क्राइम ब्रांच व हजरतगंज पुलिस ने किया। इस गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने दबोच लिया है। उनके दो अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। गिरोह ने प्रयागराज निवासी महिला नेता को मंत्री बनाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की थी। पीड़िता ने कुछ दिन पहले हजतरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक प्रयागराज की रहने वाली महिला नेता रीता सिंह ने कुछ दिन पहले हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया था कि कुछ लोग उनसे भाजपा कार्यालय पर मिले। उन्होंने अपने को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी बताया। उनको प्रदेश सरकार में मंत्री पद दिलाने का वादा किया। इसके बदले में एक करोड़ रुपये देने को कहा। विश्वास दिलाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री के साथ की कई तस्वीरे भी दिखाई। भरोसा होने पर जालसाजों ने टोकन मनी देेने को कहा। रीता सिंह से जालसाजों ने 4 लाख रुपये का टोकन मनी जमा कराया। इसके बाद अगले विस्तार में मंत्री बनाने का भरोसा दिया। इसके कुछ दिन बाद से बातचीत के दौरान टालमटोल करना शुरू कर दिया।
एसीपी क्राइम ब्रांच प्रवीण मलिक के मुताबिक पकड़े गये जालसाजों में दो उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से जुड़े हैं। शमीम अहदम खान उधमसिंह नगर के संजय कालोनी का रहने वाला है। वहीं हसनैन अली इस्लामनगर का।
एक आरोपी हिमांशु सिंह बलिया के रानीगंज कोटवा का रहने वाला है। वहीं जाने आलम बरेली के नवाबगंज का रहने वाला। इस गिरोह के दो सदस्य फरार है। बरेली के नवाबगंज का शाहिद और उधमसिंह नगर के सिसैया सितारतगंज का बब्लू उर्फ विजय। जिनकी तलाश की जा रही है।
पूछताछ में आरोपितों ने कहा कि वे छोटे स्तर के भाजपा नेताओं को विधानसभा व विधान परिषद का टिकट दिलवाने और मंत्री बनाने के लिए खुद को बड़ा नेता और उनका पीए बनाते थे। इसके बाद भाजपा के नेताओं को फोन कर भरोसा दिलाते थे कि उन्हें टिकट या मंत्री पद मिल जाएगा। इसके बाद टोकन मनी लेकर भाग जाते थे। आरोपितों ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री और उनके पीए के नाम पर एक करोड़ रुपये टोकन मनी मांगे थे। रीता को जालसाजों ने प्रदेश सरकार में मंत्री बनाने व विधान परिषद में सीट दिलाने का झांसा दिया था।
पुलिस के मुताबिक जालसाजों में गिरफ्तार हसनैन अली ही सभी क्षेत्रीय व स्थानीय नेताओं को मंत्री, एमएलए और एमएलसी बनाने के लिए बात करता था। वह खुद को गृहमंत्री अमित शाह बताता था। उसके साथ के लोग अपने मोबाइल में हसनैन का नाम भी गृृहमंत्री के नाम से सेव कर रखे थे। वहीं उनके नंबर पर कॉल करते थे। ताकि किसी को संदेह न हो। वहीं नवाबगंज का शाहिद गृहमंत्री अमित शाह का निजी सचिव बनता था। उसने कई बार रीता सिंह को कॉल कर गृहमंत्री बने हसनैन से बात कराई थी।
पुलिस के मुताबिक पकड़े गये जालसाज काफी शातिर है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय नेता से लेकर अन्य दलों यहां तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बनकर लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के नाम पर भी ठगी कर चुके हैं। आरोपियों ने सभी से 3 से 8 लाख रुपये तक रकम ऐंठते थे। इसके बाद से कुछ दिन तक बातचीत करते। फिर मोबाइल पर उनके नंबर को ब्लॉक कर देते थे। पुलिस को इस गिरोह के दो फरार चल रहे सदस्यों की तलाश है।