Saturday, July 27, 2024
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जस्टिन टूड़ो की पोल खुली फिर से,टूडो को 2016से पता आतंकवादी के बारे

कनाडा में मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने डोजियर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि निज्जर ने कनाडा की धरती पर अपने संगठन में लोगों की ट्रेनिंग, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. निज्जर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की सहायता से पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी और देश के अन्य खालिस्तानी नेताओं के साथ संबंध बनाने शुरू किए थे. दस्तावेज़ में कहा गया है कि उसने पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को भी फंड किया था.

बता दें कि भारत के वांछित आतंकवादियों में से एक निज्जर की 18 जून को कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था.

भारतीय एजेंसियों द्वारा जारी डोजियर में कहा गया है कि निज्जर ने बेखौफ होकर खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम दिया था. उसने कनाडा में हथियार ट्रेनिंग शिविर आयोजित किए, जहां उसने व्यक्तियों को एके-47, स्नाइपर राइफल और पिस्तौल जैसे हथियारों का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग दी. उसने कथित तौर पर राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों के खिलाफ टारगेट किलिंग और हमलों को अंजाम देने के लिए व्यक्तियों को भारत भी भेजा था.

1996 में फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा भाग गया था निज्जर

गौरतलब है कि निज्जर 1996 में “रवि शर्मा” के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर कनाडा भाग गया था. यहां वह ट्रक ड्राइवर और प्लंबर के रूप में काम कर रहा था. उसने कनाडा में भारत विरोधी हिंसक प्रदर्शन आयोजित किए थे और भारतीय राजनयिकों को धमकी भी दी थी. उसने कनाडा में स्थानीय गुरुद्वारों द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने से भारतीय दूतावास के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की थी.

निज्जर का पाकिस्तान कनेक्शन

निज्जर शुरू में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) का सदस्य था. इसके बाद वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे और पाकिस्तान स्थित केटीएफ प्रमुख जगतार सिंह तारा के संपर्क में आया. बैसाखी जत्था सदस्य होने की आड़ में वह अप्रैल 2012 में पाकिस्तान भी गया था. सूत्रों के मुताबिक, निज्जर को तारा ने कट्टरपंथी बनाया था और आईएसआई ने उसे तैयार किया था. आईएसआई ने ही उसे 2012 और 2013 में हथियार और विस्फोटक ट्रेनिंग दी थी.

2013 में तारा के संगठन का प्रमुख बनने के बाद निज्जर केटीएफ में शामिल हो गया. इसके बाद, उसने केटीएफ को मजबूत करने और पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों के आयोजन के लिए 2013 और 2014 में तारा और आईएसआई अधिकारियों के साथ बैठकें करने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया.

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि 2013 में, तारा ने अमेरिका स्थित हरजोत सिंह बिरिंग और निज्जर को हैंडहेल्ड जीपीएस डिवाइस का इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग देने के लिए कनाडा भेजा था. 2015 में, जगतार सिंह तारा को थाईलैंड से भारत निर्वासित किए जाने के बाद, निज्जर ने केटीएफ संचालन की भूमिका संभाली.

कनाडा में रहने के दौरान, निज्जर ने हथियारों और जीपीएस डिवाइस की ट्रेनिंग के लिए एक और आतंकवादी को पाकिस्तान भेजा. उसने 2014 में आतंकी गतिविधियों के लिए तारा को 10 लाख रुपये भी भेजे थे.

आतंकी संबंध और फंडिंग

पंजाब में टारगेट किलिंग सहित कई आतंकवादी हमले कथित तौर पर निज्जर द्वारा किए गए थे. उसका नाम फरवरी 2018 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो को सौंपी गई मोस्ट-वांटेड सूची में शामिल था.

डॉजियर के अनुसार, निज्जर, जो मूल रूप से पंजाब के जालंधर जिले के भारसिंहपुर का रहने वाला था, का आतंक से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने का एक लंबा इतिहास है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि निज्जर का खालिस्तानी आतंकवाद में प्रवेश तब सामने आया जब वह सिख लिबरेशन फ्रंट (एसएलएफ) के संस्थापकों में से एक मोनिंदर सिंह से जुड़ा.

निज्जर और अन्य लोगों ने एक आतंकवादी गिरोह बनाया और चार लोगों को भर्ती किया. डोजियर में कहा गया है कि उसने पंजाब में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच भय और असंतोष की भावना पैदा करने के लिए अन्य धर्मों के लोगों के अपहरण और हत्या की साजिश रची.

शूटर्स को दिया लालच 

जांच से पता चला है कि निज्जर और अर्शदीप ने शूटर्स को कनाडा में उनके लिए वीजा, शानदार नौकरी और अच्छी कमाई की व्यवस्था करने के बदले में आतंकी वारदातों को अंजाम देने का लालच दिया था. शुरुआत में, उन्हें पंजाब में व्यापारियों को धमकाने और उनसे पैसे वसूलने के लिए प्रेरित किया गया था. इसके बाद, उन्हें कट्टरपंथी बनाया गया और अन्य धर्मों के लोगों की हत्या के आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया गया.

2010 के पटियाला बम विस्फोट में चार लोगों को घायल करने के आरोपी रमनदीप सिंह ने खुलासा किया कि निज्जर हमले को अंजाम देने के लिए फंडिंग करने में शामिल था. उसने यह भी कहा था कि निज्जर ने पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फंडिंग की थी.

2014 में, कनाडाई नागरिक सुरजीत सिंह कोहली ने निज्जर के कहने पर भारत का दौरा किया. उसने एक पूर्व बीकेआई आतंकवादी परमिंदर सिंह को सामाजिक-धार्मिक प्रमुख बाबा पियारा सिंह भनियारावाला और शिव सेना नेता संजीव घनौली की पंथ विरोधी गतिविधियों में उनकी कथित भूमिका के लिए हत्या के लिए प्रेरित किया. निज्जर ने अपने सहयोगी कोहली को पैसे मुहैया कराए, जिसने 2015 में स्थानीय निर्मित हथियार खरीदने के लिए परमिंदर को सौंप दिया.

2014 में पाकिस्तान गया था निज्जर

अक्टूबर 2014 में, जब जगतार सिंह तारा थाईलैंड में छिपा हुआ था, तो उसने व्यक्तिगत रूप से उसकी मदद करने के लिए निज्जर को बुलाया, जो कनाडा में था. जबकि तारा को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में निर्वासित कर दिया गया. निज्जर कनाडाई नागरिक होने के कारण छूट गया और जांच से बचने में कामयाब रहा. तारा के दूत के रूप में कार्य करते हुए, निज्जर ने नवंबर 2014 में बैंकॉक से पाकिस्तान की यात्रा की. बताया जाता है कि उनके लौटने पर रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने निज्जर से पूछताछ की.

दिसंबर 2015 में, निज्जर ने मनदीप सिंह धालीवाल को एके-47 असॉल्ट राइफल, एक स्नाइपर राइफल और एक पिस्तौल के इस्तेमाल में ट्रेनिंग करने के लिए मिशन हिल्स, ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में एक हथियार ट्रेनिंग शिविर का आयोजन किया.

2016 में शिवसेना नेताओं को मारने के लिए भेजे थे शूटर्स

जनवरी 2016 में, निज्जर ने धालीवाल को शिवसेना नेताओं को मारने और राज्य में सांप्रदायिक स्थिति पैदा करने के लिए पंजाब भेजा. हालांकि, उसी साल जून में पंजाब पुलिस ने धालीवाल को पकड़ लिया. सूत्रों के अनुसार, निज्जर ने गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह दल्ला के साथ मिलकर चार केटीएफ सदस्यों के एक मॉड्यूल को प्रशिक्षित किया और इसके कारण 2020 और 2021 में लक्षित हत्याओं, फिरौती और अपहरण को अंजाम देने के लिए गिरोह का गठन हुआ.

डेरा सच्चा सौदा पर आतंकी हमले की भी बनाई थी योजना

डोजियर के मुताबिक, निज्जर ने 2014 में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा पर आतंकी हमले की योजना बनाई थी, लेकिन भारत का वीजा नहीं मिलने के कारण वह ऐसा नहीं कर सका. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने निज्जर के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं, जिनमें मनदीप सिंह धालीवाल से संबंधित कनाडा में एक मॉड्यूल स्थापित करने के आरोप थे. निज्जर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ा था, जिसका प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून है.

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने जुलाई 2020 में निज्जर को नामित किया और एनआईए ने उसके लिए 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की. जांच एजेंसी ने खालिस्तानी आतंकवादी के खिलाफ मोहाली की अदालत में आरोप पत्र भी दायर किया था.

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