Tuesday, October 8, 2024
Uncategorized

25 देशो को 2 करोड़ 40 लाख वैक्सीन और,कनाडा का नाम नही,10 लाख मांगे थे,जस्टिन टूडो आ गया कायदे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री की गलतफहमी दूर कर दी है,जस्टिन टूडो एक तरफ वोट के लिए खालिस्तानियों को प्रश्रय दे रहा है वहीं भारत से वैक्सीन की उम्मीद लगाए बैठा था।

कोरोना काल के इस दौर में भारत लगातार वैक्सीन के जरिए से दुनियाभर के देशों की मदद कर रहा है। भारत ने पिछले दिनों बांग्लादेश, नेपाल समेत कई देशों को कोरोना टीके की खुराकें भेजी हैं। अब भारत ने फरवरी महीने में कमर्शियल बेसिस पर 25 देशों को दो करोड़ 40 लाख टीके सप्लाई करने का फैसला लिया है। इस पूरे मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने (जनवरी) में भारत ने एक करोड़ पांच लाख वैक्सीन की डोज अन्य देशों को दी थीं। इस महीने भेजी जाने वाली वैक्सीन पिछले महीने की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
केंद्र सरकार ने पिछले महीने कहा था कि विदेश मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कमर्शियल आधार पर वैक्सीन के एक्सपोर्ट की देखरेख करेगा। भारत ने 20 देशों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक करोड़ 60 लाख खुराकें भेजी हैं। इसमें बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बहरीन, ओमान, बारबाडोस और डोमिनिका जैसे 13 देशों में लगभग साठ लाख खुराकों की हुई सप्लाई भी शामिल है। ब्राजील, मोरक्को और दक्षिण अफ्रीका सहित सात देशों में कमर्शियल आधार पर लगभग एक करोड़ से अधिक कोरोना टीके की डोज भेजी गई हैं।
फरवरी के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा बनाई गई योजनाओं के अनुसार, एसआईआई को सऊदी अरब, ब्राजील, मोरक्को, म्यांमार, नेपाल, निकारागुआ, मॉरीशस, फिलीपींस, सर्बिया, यूएई और कतर सहित 25 देशों को कमर्शियल आधार पर दो करोड़ 40 लाख खुराकों की सप्लाई करने के लिए कहा गया है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि 25 देशों वाली इस सूची में कनाडा का नाम नहीं है, जिसने हाल ही में दस लाख वैक्सीन के डोज मांगे थे।

कनाडा की मंत्री अनीता आनंद को इस सप्ताह उस समय शर्मनाक क्षणों का सामना करना पड़ा था, जब एक नेता ने उनसे पूछ लिया था कि क्या उनकी सरकार ने कोरोना के टीके के लिए नई दिल्ली से बात की है? इस सवाल का वे जवाब नहीं दे सकी थीं। वायरल हुए वीडियो में, उन्होंने सांसद को जवाब दिया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन नहीं किया है, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या सरकार से किसी अन्य मंत्री ने भारत सरकार से इसके लिए बात की है या नहीं।
बता दें कि कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने सितंबर 2021 तक सभी लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। हालांकि, विपक्षी उन पर कमी होने का आरोप लगा रहे हैं, जिसकी वजह से वे दबाव में हैं। कनाडा में अब तक 810797 कोरोना के मामले मिल चुके हैं।

देर रात टूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया है और भारत की सराहना की साथ ही वैक्सीन की मांग रखी है।

हाल ही में भारत के किसान आंदोलन में दखलअंदाजी की वजह से निशाने पर आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पीएम मोदी को फोन करके मदद मांगी है। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए पीएम मोदी के सामने कोरोना टीकों की मांग रखी। पीएम मोदी ने कनाडाई समकक्ष ट्रूडो को आश्वस्त किया कि भारत कनाडा के टीकाकरण प्रयासों में पूरा सहयोग करेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कनाडाई प्रधानमंत्री ने मोदी को फोन कर अपने देश में कोविड-19 के टीकों की आवश्यकताओं के बारे में बताया। पीएम मोदी ने जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त करते हुए कहा, ”भारत ने जैसे कई अन्य राष्ट्रों के लिए किया, ठीक उसी तरह कनाडा के टीकाकरण प्रयासों को सहयोग देने की पूरी कोशिश करेगा।”

कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के योगदान की तारीफ करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यदि दुनिया कोरोना के खिलाफ जीतने में कामयाब होगी तो यह भारत के जबरदस्त औषधीय क्षमता की वजह से होगा। भारत की इस क्षमता को विश्व के साथ साझा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की। पीएम मोदी ने इन भावनाओं के लिए ट्रूडो को धन्यवाद कहा।
दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी के आर्थिक दुष्प्रभावों सहित कई अन्य अहम मुद्दों पर करीबी साझेदारी जारी रखने पर सहमति जताई। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की भारत भरपूर कोशिश करेगा।
भारत में नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खी नजर आई थी। भारत ने ना सिर्फ कनाडा को अंदरुनी मामलों से दूर रहने की नसीहद दी थी बल्कि उसे यह जता भी दिया गया था। कनाडाई प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद नई दिल्ली ने कनाडा के राजदूत को समन किया था। भारत ने कहा था कि कनाडाई प्रधानमंत्री और कुछ कैबिनेट मंत्रियों द्वारा भारतीय किसानों को लेकर दिए गए बयान अस्वीकार्य हैं। यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है।

Leave a Reply