16 दिन पहले हमने ही जानकारी दी थी कि एक बड़ी टूट पड़ने वाली है,उक्त बात पर मोहर लगाई है एक वरिष्ठ नेता ने।
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के 11 विधायक टूट कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में जल्द ही यह सब सामने आ जाएगा। हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने उनके बयान से असहमति जताते हुए उसे खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि हाल में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 विधायक जीते हैं। भरत सिंह ने दावा किया कि इनमें से 11 विधायक ऐसे हैं जो बाहर से आए और चुनाव जीत गए। ये पार्टी का कैडर नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया चुनाव में कई लोगों ने पैसा देकर टिकट हासिल किए। भरत सिंह ने कहा कि एनडीए अपना संख्या बल बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। ऐसे में कांग्रेस के विधायकों पर उसकी नज़र है। भरत सिंह ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा पर भी पार्टी तोड़ने की इच्छा रखने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ‘जो 11 कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं उन सब के मार्गदर्शक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह हैं। सदानंद सिंह और मदन मोहन झा एमएलसी बनाना चाहते हैं। राज्यपाल कोटे से अभी एमएलसी का नॉमिनेशन होना है।
आरजेडी से अलग होने की सलाह
उन्होंने कहा कि वह शुरू से आरजेडी से कांग्रेस के गठबंधन के खिलाफ रहे हैं। पार्टी को अब भी आरजेडी से अलग हो जाना चाहिए। बिहार में पार्टी को बचाने के लिए पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि हाल ही में बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कांग्रेस हाईकमान से बिहार के प्रभार से मुक्त करने की गजारिश की थी। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए पार्टी हाईकमान ने उन्हें गोहिल की जगह भक्तम चरण दास को बिहार कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया है।