Wednesday, May 21, 2025
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वो जाहिल जो सोचते हैं कैसे रोकेंगे पानी ,2016 से ही तैयारी थी,नापाक खून की पैदाइश पाकिस्तान के इलाज की

पूछते हैं कि पानी इतनी जल्दी कैसे बंद कर सकते हैं।

कश्मीर में चेनाब नदी पर बना बग़लिहार और सलाल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट।

चेनाब का पानी पीने के लिए ये दो ही काफी हैं।

चेनाब के लिए ही रतले प्रोजेक्ट तैयार है।

झेलम का पानी पीने के किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्री प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है।

तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट तैयार है। झेलम का पानी यहां भी जायेगा।

रावी नदी का पानी रोकने के लिए शाहपुर कांडी बांध तैयार है।

रावी नदी पर ही उझ मल्टीपरपज बांध तैयार है।

तैयारी तो मोदी ने 10 साल पहले से ही कर रहे थे, पाकिस्तान ने खुद ब खुद मौका दे दिया है।

गर्मियां शुरू हो गई हैं। पंजाब और सिंध की 90% खेती इन्हीं नदियों के जल पर टिकी है।

पाकिस्तान जन विद्रोह के लिए भी तैयार रहे।

 

बीबीसी से बात करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत पिछले 10 साल से सिंधु नदी बेसिन में कई वाटर रिजर्व बना रहा था

पिछले कई वर्षों से सिंधु नदी जल आयोग की बैठक भी नहीं हुई

यहां तक की पाकिस्तान का जो सिंधु वाटर कमिश्नर था उसे भारत ने लालच देकर अपने पक्ष में कर दिया गया था और पता चल रहा है कि वह पाकिस्तान छोड़कर कनाडा चला गया

उसने पिछले एक दशक से पाकिस्तान को गुमराह किया

हमने विश्व बैंक को तब भी शिकायत किया क्योंकि विश्व बैंक सिंधु नदी जल समझौते में गारंटर है कि भारत यह वाटर रिजर्व क्यों बना रहा है भारत क्यों सिंधु नदियों के सहायक नदियों को चैनलाइज कर रहा है

भारत की मंशा क्या है

लेकिन विश्व बैंक ने कभी हमारी चिताओं का जवाब नहीं दिया और अब समझ में आ गया कि भारत किसी मौके की तलाश में था भारत पाकिस्तान की शरमायाकारी यानी एग्रीकल्चर को बर्बाद करना चाहता है भारत चाहता है कि एक गोली भी ना चले और लाखों लोग मारे जाएं

हम सिंधु नदी जल समझौते को छोड़कर बाकी सभी चीजों का भारत को तुरन्त जवाब देंगे लेकिन सिंधु नदी के लिए हम अपने इस्लामी बिरादर मुल्क के पास जाएंगे विश्व बैंक के पास जाएंगे यूनाइटेड नेशन के पास जाएंगे अमेरिका के पास जाएंगे

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