कई महिलाओं का बलात्कार, यौन शोषण, जंगली बंदरों से हमला… ईसाई दंपती चला रहे थे ‘आश्रम’, 142 पीड़ितों को बचाया गया
तमिलनाडु के विलुप्पुरम स्थित कुंडलापुलियूर का ‘अंबू जोती आश्रम’ चर्चा में है। ये पिछले 17 वर्षों से चल रहा था, बिना किसी आधिकारिक अनुमति के और बिना सरकारी दिशानिर्देशों के।
वहाँ से 142 लोगों को बचाया गया है, जिसके बाद ये ‘आश्रम’ चर्चा में है। इनमें 109 पुरुष हैं और 33 महिलाएँ। असल में 17 दिसंबर, 2022 को अमेरिकी नागरिक सलीम खान ने मद्रास उच्च न्यायालय में केस दर्ज कराया था, जिसके बाद ये ‘आश्रम’ चर्चा में आया।
सलीम खान ने बताया था कि उसके ससुर जवाहिरुल्लाह इस ‘आश्रम’ से गायब हैं। इसके बाद यहाँ बलात्कार और टॉर्चर के कई मामले सामने आए। कई डरावनी कहानियाँ बाहर आईं। आश्रम के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन के मामले भी सामने आए। यौन शोषण, हिंसा और मानव तस्करी की कई घटनाओं का खुलासा हुआ। ये आश्रम दिन में तीन बार खाना देने और सुरक्षित रूप से रुकने की व्यवस्था का दावा करता था।
इससे वैसे लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए, जो बेघर थे। इनमें से कइयों को बेहोश कर दिया गया तो कइयों के बाल मूँड़ दिए गए। ये सब इसीलिए किया जाता था, ताकि ऐसा लगे कि ये दिमागी समस्याओं से जूझ रहे हैं। 4 दिसंबर, 2021 को जवाहिरुल्लाह को इस आश्रम में भर्ती कराया गया था। जब सलीम ने अपने ससुर के बारे में पूछा तो उसे जवाब दिया गया कि उन्हें बेंगलुरु में ‘अंबु जोती आश्रम‘ के ही एक अन्य फैसिलिटी में भेजा गया है।
जब तमिलनाडु पुलिस इसकी जाँच करने बेंगलुरु पहुँची तो वहाँ के आश्रम की देखभाल करने वाले राजू उर्फ़ ‘ऑटो राजा’ ने दावा किया कि एक बुजुर्ग व्यक्ति और कुछ लोग बाथरूम की खिड़की तोड़ कर यहाँ से भाग गए। इसके बाद हाईकोर्ट ने आश्रम की तलाशी की अनुमति पुलिस को दी, जिसके बाद आश्रम में सैकड़ों पीड़ित मिले। इसी दौरान सामने आया कि कुछ कैदियों का कर्मचारियों ने यौन शोषण किया था। कइयों को बाँध कर रखा गया था।
कैद बंदरों से भी लोगों पर हमले करवाए गए थे। अब इस आश्रम को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। 130 लोगों के रहने की व्यवस्था सरकार ने कर दी है, वहीं 12 अपने-अपने परिवारों के पास वापस चले गए हैं। यहाँ से 50 किलोमीटर दूर कोट्टाकुप्पम नामक एक जगह पर भी 50 लोगों को बंदी बना कर रखा गया था। उन्हें अस्पतालों में भरी कराना पड़ा। उनके साथ भी ऐसे ही हादसे हुए थे। 8 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है NCW (महिला आयोग) भी इस मामले को देख रही है।
आश्रम के मालिक जुबिन और मारिया ने भागने की कोशिश भी की थी, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। केरल के कुछ ईसाई भी इस मामले में गिरफ्तार हुए थे। जुबिन और मारिया ने दो जंगली बंदरों को अधिकारियों के पीछे छोड़ दिया और भागने की कोशिश की। केरल के जुबिन का एक नाम ‘अंबु जुबिन’ भी है। वो 2005 में तमिलनाडु आया था और बीवी के साथ रेंट लेकर एक घर की स्थापना की। एक महिला ने बताया कि पिछले 5 सालों में आश्रम में उसे मारा-पीटा गया, बलात्कार किया गया। कई महिलाओं को ड्रग्स दिए गए।