अतीक हत्याकांड को लेकर तीनों आरोपियों ने कई खुलासे किए!
Prayagraj : माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तीनों आरोपियों अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को पुलिस कस्टडी में लेकर एसआईटी ने पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस लाइन में 8 घंटे पूछताछ चली। पहले दिन एसआईटी ने जिगाना पिस्टल के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। अब हत्या के आरोपियों की कॉल डिटेल के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
एसआईटी प्रभारी एडीसीपी (क्राइम) सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र तिवारी ने टीम के साथ दोपहर दो बजे अरुण, सनी और लवलेश से पूछताछ शुरू की। पुलिस ने शुरुआत में मनोवैज्ञानिक तरीके से तीनों से बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे तीनों आरोपी एसआईटी के सामने खुलने लगे। अभी तक इस हत्याकांड में किसी बाहरी व्यक्ति की संलिप्तता की बात सामने नहीं आई है। फिर भी एसआईटी बारीकी से पूछताछ कर रही है।
पुरानी बातें ज्यादा दोहराई
दोपहर में भोजन कराने के बाद एसआईटी ने फिर पूछताछ शुरू की। पूछा कि उनको विदेशी पिस्टल कहां से मिली। इस पर सनी और अरुण ने कहा कि उनके पास यह पिस्टल पहले से थी। अरुण ने बताया कि पानीपत में उसके एक दोस्त ने उसे यह पिस्टल दी थी। सनी ने कहा कि वह सुंदर भाटी गैंग से जुड़ा था। उसी गैंग के एक शूटर ने विदेशी पिस्टल रखने के लिए दी थी, बाद में उसकी मौत हो गई।
बोला सनी, मेरा कोई आका नहीं
एसआईटी ने जब अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की वजह पूछी तो सनी ने बेबाकी से जवाब दिया। कहा कि उसका कोई आका नहीं है, वह खुद डॉन है। अतीक से बड़ा डॉन बनने के लिए ही उसने अपने साथी अरुण और लवलेश के साथ अतीक और अशरफ की हत्या की। कुछ इसी अंदाज में अरुण और लवलेश ने भी जवाब दिए।
एसआईटी के सामने की चुनौतियां
अभी एसआईटी के सामने बहुत से ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब मिलना बाकी हैं। अरुण, सनी और लवलेश को अतीक और अशरफ के कॉल्विन पहुंचने की जानकारी किसने दी। किसकी मदद से तीनों शूटर को फायरिंग की ट्रेनिंग मिली। तुर्की की महंगी पिस्टल जिगाना और गिरसाना कहां से आई। तीनों के मोबाइल कहां है, कहीं ऐसा तो नहीं कि बरामदगी नहीं दिखाई गई। तीनों शूटरों का बॉस कौन है? कॉल्विन अस्पताल में तीनों शूटरों का कोई चौथा साथी भी मौजूद था या इन्हें किसी ने सही लोकेशन की जानकारी दी। अतीक अशरफ की हत्या सुंदर भाटी गैंग ने कराई या प्रयागराज के किसी शख्स ने इन्हें सुपारी दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद भागने की जगह सरेंडर क्यों किया।