मस्जिद में मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में उसने इमाम पर इस्लाम के नाम पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया। यह बात भी सामने आई है कि हमलावर पहले भी इस मस्जिद में कई बार आ चुका है।
अमेरिका में रमजान की नमाज पढ़ रहे एक इमाम को चाकू घोंप दिया गया। घटना न्यूजर्सी के पेटरसन स्थित उमर मस्जिद की है। हमला रविवार (9 अप्रैल 2023) की सुबह किया गया। 65 साल के इमाम पर जब हमला हुआ, उस वक्त नमाज के लिए मस्जिद में करीब 200 लोग जमा थे। हमलावर की पहचान 32 साल के सेरिफ जोरबा के तौर पर हुई है। वह मूल रूप से तुर्की का रहने वाला है।
हमले में इमाम सैयद एल्नाकिब घायल हो गए। उनका इलाज चल रहा है। मस्जिद में मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पूछताछ में उसने इमाम पर इस्लाम के नाम पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया। यह बात भी सामने आई है कि हमलावर पहले भी इस मस्जिद में कई बार आ चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के उमर मस्जिद जिस इलाके में है, वह अमेरिका में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में एक है। रविवार को इमाम सैयद एल्नाकिब सुबह के करीब 5:30 बजे पर मस्जिद में 200 लोगों के साथ नमाज पढ़ रहे थे। इसी बीच सेरिफ जोरबा ने उन्हें 2 बार चाकू घोंप दिया। हमले के बाद आसपास के नमाजियों ने उसे पकड़ लिया।
इमाम को नजदीकी अस्पताल सेंट जोसेफ मेडिकल सेंटर में भर्ती करवाया गया है, जहाँ उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। चाकू लगने से इमाम के फेफड़े में छेद हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार हमलावर मूल रूप से तुर्की का है। उसने पूछताछ में हमले की बात कबूली है। बताया है कि वह एक रात पहले ही इमाम को उनके घर में घुस कर मारना चाहता था। उसका कहना है कि इमाम इस्लाम का अपमान कर रहा था।
स्थानीय लोगों के मुताबिक सेरिफ जोरबा मस्जिद का सदस्य नहीं है। हालाँकि उसके द्वारा इस मस्जिद में पहले भी नमाज़ पढ़े जाने की बात सामने आ रही है। इस घटनाक्रम के 2 वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं। पहले वीडियो में आरोपित नमाज़ के ही दौरान इमाम पर हमला करते दिखाई दे रहा है। हमले के बाद वह भागने का प्रयास करता है। दूसरे वीडियो में नमाज़ी पकड़कर उसकी पिटाई करते दिखाई दे रहे है।
रमज़ान के महीने में मस्जिद में इमाम पर हुए इस हमले पर वहाँ के स्थानीय पार्षद अल अब्देल-अजीज ने चिंता जताते हुए मुस्लिमों से एकजुटता की अपील की है। घटना के बाद पुलिस ने एहतियात के तौर पर आसपास के इबादतगाहों की सुरक्षा बढ़ा दी है।