MP Vidhan Sabha। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और तीन विधायकों के संक्रमित होने के बाद अब विधानसभा के बजट सत्र में किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा। सभी मंत्री, विधायक सहित अन्य व्यक्तियों की प्रवेश द्वार पर पहले जांच होगी। सदन में भी सिर्फ जरूरी स्टाफ ही मौजूद रहेगा। सभी दीर्घाओं में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। मंत्रियों के साथ सिर्फ एक कर्मचारी को आने की अनुमति दी गई है। कैंटीन में भी भीड़ लगाने से रोकने के प्रबंध किए गए हैं। बैठक से पहले, भोजनावकाश और कार्यवाही समाप्त होने के बाद पूरे परिसर को सैनिटाइज कराया जाएगा।
पांच दिन की छुट्टी के बाद सोमवार से विधानसभा की कार्यवाही फिर प्रारंभ होगी। इस बीच इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहरों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तीन विधायक (डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, निलय डागा और देवेंद्र वर्मा) कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। डागा को छोड़कर दोनों विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने तय किया है कि सत्र की शेष अवधि में अब अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी। सदन के भीतर भी विधानसभा सचिवालय का वही अमला मौजूद रहेगा, जो जरूरी होगा। सुरक्षा बल भी जरूरत के मुताबिक ही लगाया जाएगा। सभी प्रवेश द्वारों पर तापमान और ऑक्सीजन का स्तर जांचने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। विधायक विश्रामगृह में भी विधायकों के लिए जांच की व्यवस्था की गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि परिसर में कहीं पर भी भीड़ लगाने की अनुमति नहीं रहेगी। कैंटीन में भीड़ जमा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
पहली बार के विधायक ही प्रश्नकाल में पूछेंगे प्रश्न
मध्य प्रदेश विधानसभा का प्रश्नकाल सोमवार को विशेष होगा। इसमें सिर्फ वे विधायक ही प्रश्न पूछेंगे, जो पहली बार चुनकर सदन में आए हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने नए विधायकों को मौका देने के लिए यह पहल की है। आठ मार्च को इसके लिए प्रश्नों की लॉटरी भी निकाली जा चुकी है। प्रदेश में पहली बार चुने गए 82 विधायक हैं। इनमें 49 कांग्रेस, 27 भाजपा, एक समाजवादी पार्टी, दो बहुजन समाज पार्टी और तीन निर्दलीय हैं।