Saturday, December 21, 2024
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बिहार पुलिस ढूंढ रही थी 1 साल से,उत्तरप्रदेश पुलिस ने 1 हफ्ते में में एनकाउंटर कर दिया,बिहार में कई पुलिसकर्मियों को गोली मारी,उत्तरप्रदेश में पहले हमले में ही लाश बने

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यूपी पुलिस की मुठभेड़ में मारे गए बिहार के समस्‍तीपुर के रहने वाले दो कुख्यात भाई। तीन भाइयों का गिरोह बनाता था पुलिस को ही निशाना। एक भाई बचकर भाग निकला। वर्ष 2016 में नालंदा में दारोगा को गोली मारकर जख्मी

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में एक-एक कर तीन दारोगा को गोली मारने वाले जिन तीन बदमाशों की पहचान करने में ही पुलिस को एक साल गुजर गए थे, उनमें से दो को उत्‍तर प्रदेश की पुलिस ने चंद घंटों में ही तमाम कर डाला। यह एनकाउंटर वाराणसी के पास हुआ। ये तीनों बदमाश आपस में भाई हैं और इन्‍हें पुलिस दारोगा पर हमला कर रिवाल्‍वर और पिस्‍टल लूटने का शौक था।

यूपी पुलिस के दारोगा पर हमला करना पड़ा भारी

बिहार में कई पुलिस वालों पर हमला कर उनके हथियार ये तीनों भाई लूट चुके थे। उत्‍तर प्रदेश में भी इन लोगों ने यही गलती कर दी और यह गलती इनके लिए भारी पड़ गई। उत्‍तर प्रदेश के एक दारोगा को गोली मारकर उसकी पिस्‍टल लूटने के चौथे ही दिन पुलिस ने एनकाउंटर में दो भाइयों को मार गिराया, जबकि एक किसी तरह जान बचाकर भागा।

पटना के बाढ़ में की थी तीन लोगों की हत्‍या

बताया जा रहा है कि डेढ़ साल में ये तीनों भाई तीन दारोगा को गोली मारकर उनके रिवाल्वर और पिस्टल को लूट चुके थे। पटना जिले के बाढ़ में गार्ड सहित तीन लोगों की हत्या कर 60 लाख कैश लूट लिया था। इन तीनों भाइयों की पहचान करने में पटना पुलिस को एक साल गुजर गया था।

 

बिहार में न्‍यायालय परिसर से हो गए थे फरार

मुश्किल से तीनों कुख्यात भाइयों को पकड़ा गया था, लेकिन इसी साल नौ सितंबर को पेशी के दौरान तीनों शौचालय की दीवार तोड़कर फरार हो गए। भागकर तीनों उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में पनाह लिए और वहां भी एक दरोगा को गोली मारकर जख्मी कर दिया और सरकारी पिस्टल लूटकर फरार हो गए। यूपी पुलिस इस गैंग को वारदात के चार दिन बाद ही पहचान कर ली। फिर मुठभेड़ में दो कुख्यात भाइयों को ढेर कर दिया।

हर वारदात में दारोगा के कंधे में मारते थे एक गोली

मार्च 2016 में नालंदा में रिटायर्ड एएसआई गोली मारकर पिस्टल छीन लिया गया। अप्रैल 2016 में फिर बाढ़ में दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गई और पिस्टल छीन लिया गया। सितंबर 2016 में फतुहां फोरलेन पर एएसआई की हत्या कर रिवाल्वर छीन लिया गया था। बिहार पुलिस पर लगातार हो रहे हमले से पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज बाढ़ और फतुहा में दारोगा की हत्या मामले की जांच कर रहे थे। छानबीन में पता चला कि हर वारदात में अपराधी कंधे के पास ही गोली मार रहे।

बरामद खोखा से जुड़ा गैंग का कनेक्शन

जितने भी दारोगा की हत्या या जख्मी किए गए, सभी ऐसी जगह, जहां भीड़ कम होती थी और वहां कैमरे भी नहीं होते थे। घटनास्थल पर जो खोखा मिल रहा था, उसकी पुलिस जांच की तो साफ हो गया कि दो वारदात में पुलिस की पिस्टल और एक में पुलिस की रिवाल्वर का इस्तेमाल किया गया है। उन्हें ही निशाने पर लिया जाता था जो कोर्ट से लौटते थे या फिर ड्यूटी से घर जाते थे। गैंग में चारों भाइयों के अलावा कोई अन्य शामिल नहीं था।

पुलिस के हथियार का ही करते थे इस्‍तेमाल

पुलिस को पता चल गया कि गिरोह एक है, लेकिन कहां का है? इसमें कौन शामिल है? इससे पुलिस अंजान थी। इसी बीच बाढ़ अनुमंडल के बेलछी प्रखंड के बाघा टीला में मार्च 2017 को गार्ड सहित तीनों लोगों मारकर हत्या कर दी गई और पीएनबी बैंक के 70 लाख रुपए की लूट लिए गए। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को जो खोखा मिला वह तीनों दारोगा से लूट के दोनों पिस्टल और रिवाल्वर के थे।

एक साल बाद पहचान, जब्त मोबाइल से मिला सुराग

इसी बीच पता चला कि दनियावा में दस साल पूर्व एक लूट हुई थी, जिसमें दो भाई शामिल थे। दोनों भाई जब्त मोबाइल को छुड़ाने भी आए थे। पुलिस उक्त मोबाइल का डिटेल निकाली तो अहम सुराग मिले। फुटेज, तकनीकी अनुसंधान और लोकेशन के आधार पर पुलिस समस्तीपुर के मोहद्दीनगर थाना क्षेत्र के गोलवा पहुंची। तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने 29 मार्च 2017 मनीष सिंह, ललन सिंह और इनके पिता को गिरफ्तार किया।

जमीन खोदने पर मिले थे रुपए और हथियार

इनके घर से जमीन खोदकर लूट का 45 लाख रुपए और तीनों दारोगा से लूटे गए दोनों पिस्टल व एक रिवाल्वर को भी बरामद किया। कुछ दिन पटना पुलिस ने रजनीश को भी गिरफ्तार कर ली। जबकि इनका चौथा भाई झारखंड जेल में बंद है। तीनों भाईयों के खिलाफ सुनवाई चल रही थी। नौ सितंबर 2022 को तीनों बाढ़ कोर्ट के हाजत में शौचालय का दीवार तोड़कर फरार हो गए। इसके बाद से पटना पुलिस को तीनों की तलाश थी।

अमीर बनने का सपना, दारोगा से लूटी थी पहली पिस्टल

रजनीश और उसके भाइयों ने 11 साल पहले ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया, लेकिन पहली बार नालंदा के बिंद थाने में एक रिटायर्ड दारोगा से पिस्टल लूटी थी। इसी पिस्टल के दम पर रजनीश ने बाढ़ में दारोगा सुरेश ठाकुर पर हमला कर उनकी रिवाल्वर लूटी थी। फिर सुरेश ठाकुर की पिस्टल से हमला कर रजनीश ने फतुहां में एक एएसआई की हत्या कर के उनकी सरकारी पिस्टल लूट ली थी। रजनीश और उसके भाइयों ने पहले पुलिस से हथियार लूटे और फिर इन हथियारों को ही बैंक लूट में इस्तेमाल किया।

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