एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन को WHO की हरी झंडी, दुनियाभर में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के कोविड-19 टीके को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी प्रदान की है। इसके साथ ही महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ की सहायता से दुनियाभर के देशों में लाखों खुराकें पहुंच सकेंगी। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और दक्षिण कोरिया की एस्ट्राजेनेका-एसकेबायो द्वारा बनाए जा रहे एस्ट्रोजेनेका टीके को आपातकालीन मंजूरी प्रदान की है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके को हरी झंडी मिलने के साथ ही गरीब देशों में भी इसकी खुराक पहुंचना सुनिश्चित हो पाएगा। बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने जिन वैक्सीन को पूरी दुनिया में आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है उसमें एक वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बनाती है। जबकि दूसरी दक्षिण कोरिया की कंपनी बना रही है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कोवैक्स प्रोग्राम के तहत अब पूरी दुनिया के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध होगी।
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट की ओर तैयार की गई कोविशील्ड वैक्सीन को भारत ने पहले इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है। भारत में इस टीके के साथ-साथ भारत बायोटेक की द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन जो की पूरी तरह से स्वदेशी है को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है। इन दो टीकों के साथ भारत में वैक्मसीनेशन प्रोग्राम भी शुरू हो गया है।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के लिए टीके तैयार करने में 18-19 टीका कंपनियां जुटी हैं और वे शुरुआती परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले महीनों में हम भारत में नए टीकों की पेशकश कर सकेंगे।
यूरोप में फर्जी टीके को लेकर चेतावनी
यूरोपीय संघ (ईयू) की धोखाधड़ी-रोधी शाखा ओएलएएफ ने 27 सदस्य देशों को कोविड-19 टीके की आपूर्ति में देरी के कारण फर्जी टीके की बिक्री की पेशकश करने वाले धोखेबाजों से सावधान रहने को लेकर चेताया है। ओएलएएफ ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसके संज्ञान में ऐसी कई रिपोर्ट लाई गईं हैं जिनमें कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाने का प्रयास कर रही ईयू सरकारों को टीका आपूर्ति की पेशकश कर कुल लोग धोखाधड़ी कर रहे हैं।