संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र ने उद्धव ठाकरे के रूप में एक समझदार और सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया है, जिन्होंने शालीनता से पद छोड़ दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि उनकी रुचि ‘संख्याबल के खेल’ में नहीं है और इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
‘हमने एक समझदार और सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया’
राउत ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) ने शालीनता से पद छोड़ दिया है. हमने एक समझदार और सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया है.’’ राउत ने कहा कि वे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाएंगे और जेल जाने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘धोखेबाजों का अंत कभी अच्छा नहीं होता और इतिहास इसे साबित कर सकता है. अब, यह शिवसेना की भारी जीत की शुरुआत है. हम लाठियों का सामना करेंगे, जेल जाएंगे लेकिन बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को जिंदा रखेंगे.’’
राउत ने यह भी कहा कि वह 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए बाल ठाकरे के बेटे उद्धव को राजी करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भी आभारी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पवार ने अपना मार्गदर्शन दिया. जब उनके (उद्धव ठाकरे) लोग (शिवसेना के बागी विधायक) उनकी पीठ में छुरा घोंप रहे थे, पवार मजबूती से उद्धव के पीछे खड़े रहे.’’
राउत ने कहा कि कांग्रेस नेता हमेशा सरकार के साथ रहे. उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता आती-जाती है और यहां कोई भी स्थायी रूप से सत्ता में रहने के लिए नहीं है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि न्याय अवश्य होगा. राउत ने कहा, ‘‘यह अग्निपरीक्षा का समय है. ये दिन जल्द ही बीत जाएंगे.’’
भावुक हो गए संजय राउत
इससे पहले उन्होंने कहा था कि ठाकरे जिम्मेदारी से भागने वाले नहीं हैं और वह अंत तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना फिर से उठेगी और एक शिवसैनिक फिर से मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे हमारे नेता हैं. उन्हें जिस तरह का समर्थन है..वह अंत तक लड़ेंगे.’’
राउत ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि जो सत्ता हथियाना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन भविष्य शिवसेना का होगा. ऐसे में जब उच्चतम न्यायालय शिवसेना की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था जिसमें उसने शक्ति परीक्षण कराने को चुनौती दी थी, ठाकरे ने कैबिनेट की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उन्हें उनके अपनों ने ही धोखा दिया. इस पर राउत ने कहा कि ठाकरे की टिप्पणी से उनकी आंखों में आंसू आ गए.