आज हम आपको ब्रिटेन के बारे में बताएंगे यह वही देश है जिसने कई देशों को अपना गुलाम बनाया था ब्रिटेन के बारे में लोगों को सबसे पहले यही लगता है यह देश ईसाई बाहुल्य देश है लेकिन आपका अंदाजा बिल्कुल गलत है जो रिपोर्ट सामने आई है वो ईसाइयों के लिए खतरे की घंटी है 1983 ब्रिटेन में नास्तिक कुल आबादी के 31 फीसदी और एक दशक पहले कुल आबादी के 43 फीसदी थे। 1983 में ब्रिटेन में नास्तिकों की संख्या 1.28 करोड़ थी जो 2014 में बढ़कर 2.47 करोड़ हो गई।
इंग्लैंड ने पहली बार ईसाइयों की तुलना में मुसलमानों की संख्या में वृद्धि देखी है। ब्रिटिश समाचार एजेंसी टेलीग्राफ के अनुसार, वर्ष 2019 में इंग्लैंड और वेल्स की आधी से अधिक आबादी (लगभग 51%) ईसाई थी, जो 2011 की जनगणना के बाद से लगभग 8.3% कम थी। निजी टीवी SAMAA के अनुसार, देश में मुसलमानों की संख्या 4.83 से बढ़कर 5.67% हो गई, जबकि यहूदियों की संख्या 0.47% से बढ़कर 0.55% और हिंदुओं की संख्या 1.46 प्रतिशत से बढ़कर 1.65 प्रतिशत हो गई।
अन्य धर्मों में सिखों की संख्या 0.75% से गिरकर 0.69% हो गई, जबकि बौद्ध धर्म मे विश्वास करने वाले 0.44% बने हुए हैं। याद रहे कि देश के अन्य धर्मों का आखिरी बार 2011 में सर्वेक्षण किया गया था, जबकि अगली जनगणना के परिणाम अगले साल प्रकाशित किए जाएंगे। इंग्लैंड में, ईसाइयों की संख्या (जो खुदा में विश्वास नहीं करते हैं) की तादाद एक तिहाई की वृद्धि हुई है।
ब्रिटिश समाज में धर्मों ने लंबे समय से धर्मनिरपेक्षता का मुकाबला रहा है, यही कारण है कि धर्मनिरपेक्षता इतनी प्रचलित थी और युवा पीढ़ी खुद को किसी भी धर्म से जोड़ना पसंद नहीं करती थी।यही वजह है 2019 में 20 साल के उम्र के लोग किसी भी धर्म से जोड़ा नहीं था और यह संख्या 53.4% थी।