सहकारी समितियों के चुनाव में भाजपा ने एक तरफा जीत हासिल की है। प्रदेश में करीब 80 फीसदी समितियों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं। वहीं कुछ जिलों में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। निर्दलीय भी बड़ी संख्या में बाजी मारी है। राजधानी लखनऊ में 81 प्राथमिक सहकारी समितियों में से 76 पर चुनाव हुए हैं। इसमें से 61 समितियों में भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं और सपा को सिर्फ दो समितियों में जीत मिली है। 13 समितियों में निर्दलीयों ने बाजी मारी है।
प्रदेश में 7148 सहकारी समितियों में से 7000 समितियों के चुनाव हुए हैं। रविवार को समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव में करीब 6200 से अधिक समितियों में भाजपा के उम्मीदवार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। बदायूं जिले की सभी 115 समितियों में भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं।
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर के गृह जिले शाहजहांपुर में 115 समितियों में से 111 में भाजपा ने परचम फहराया है। वहीं तीन समितियों में निर्दलीय जीते हैं। एक समिति का चुनाव रद्द हुआ है। करीब पांच सौ से अधिक समितियों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। अंबेडकर नगर में 90 समितियां है। पिछली बार वहां दस समितियों में ही भाजपा चुनाव जीती थी। इस बार 57 समितियों में भाजपा काबिज हुई है।