आजमगढ़ जिले में एक युवती के साथ कुछ ऐसा हुआ जो फिल्मों में बनाई गई पुलिस की छवि के ठीक विपरीत है। दरअसल, एक ऐसी युवती जो जीने मरने की कसम खाकर प्रेमी के साथ गुडगांव गई थी लेकिन उसे गर्भवती करने के बाद प्रेमी छोड़कर फरार हो गया। जब वह घर लौटी तो मां-बाप भी उसे कुल्टा कहकर घर से निकाल दिया। पीड़िता न्याय के लिए दर-दर भटक रही थी कि उसकी मुलाकात रानी की सराय थाने में तैनात एक दरोगा सुल्तान सिंह से हुई जो उसके लिए भगवान बन गया। दारोगा ने युवती की आपबीती सुनने के बाद न केवल उसके प्रेमी और उसके परिवार को शादी के लिए राजी किया बल्कि खुद एक पिता की तरह मंदिर में युवती का कन्यादान किया। ये मामला जिसने भी देखा या सुना, सब दारोगा की काफी सराहना कर रहे हैं।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, ये मामला आजमगढ़ के रानी की सराय क्षेत्र का है, जहां चांदी टिकट गांव निवासी शिवा गुड़गांव में रहकर इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। वह पिछले दिनों का घर आया तो गांव की युवती से उसे प्रेम हो गया। इसी दौरान युवती अपने जीजा के घर गुड़गांव गई। इसकी जानकारी होने पर शिवा उसे शादी का झांसा देकर अपने साथ भगा ले गया और दिल्ली में अपने साथ रखा।
जब पीड़िता गर्भवती हो गई तो शिवा उसे छोड़ कर गांव वापस आ गया। इसके बाद वह गांव आकर शिवा से मिली तो उसने शादी से इंकार कर दिया। जिसके बाद युवती अपने पिता के घर गई लेकिन उन्होंने भी उसे कुल्टा कहकर घर में रखने से इंकार कर दिया। अब युवती के पास न तो अपना परिवार था ना ही प्रेमी का साथ। इसलिए वह इधर-उधर भटकती रही। इसके बाद उसने मजबूरन रानी की सराय थाने में युवक के खिलाफ शिकायत की।
दरोगा ने किया लड़की का कन्यादान
पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को बुलाया पर वन टू पंचायत के बाद भी कोई तो फैसला नहीं हो पाया। इस मामले को देख रहे दारोगा सुल्तान सिंह ने हार नहीं मानी। उन्होंने शिवा और उसके परिवार वालों को समझा-बुझाकर शादी के लिए राजी कर लिया लेकिन युवती के परिवारों के लोग नहीं माने। फिर क्या था दारोगा सुल्तान सिंह ने पिता की जिम्मेदारी का निर्वाहन किया और मंगलवार की दोपहर रानी की सराय पोखरा स्थित मंदिर के दोनों की शादी करा दी। मामले की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है और लोग दारोगा की काफी सराहना कर रहे हैं।