‘झुग्गी खाली करें मुस्लिम, वरना होगा बहन-बीवी का बलात्कार’: गुरुग्राम में हिन्दू संगठनों के नाम से पोस्टर लगाने वाला निकला आसिफ, कॉन्ग्रेस-सपा ने हिन्दुओं को कहा भला-बुरा
गुरुग्राम के सेक्टर 69- A क्षेत्र में 26-27 अगस्त 2023 की रात लगे कुछ पोस्टरों से माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इन पोस्टरों में ‘विश्व हिन्दू परिषद’ (VHP) और ‘बजरंग दल’ के नाम से झुग्गी-झोपड़ी खाली करने की धमकी लिखी थी। धमकी में झुग्गियाँ खाली करने की डेडलाइन 28 अगस्त रखी गई थी। इन पोस्टरों को ले कर इस्लामी और वामपंथी समूहों सहित कॉन्ग्रेस पार्टी के नेताओं ने हिन्दू संगठनों को बदनाम करने की पूरी कोशिश की।
आखिरकार इस पूरी साजिश की जड़ में आसिफ नाम का एक कबाड़ी शामिल मिला। पुलिस ने आसिफ को गुरुवार (21 सितंबर, 2023) को गिरफ्तार कर लिया।
कबाड़ कारोबार पर बादशाहत की चाहत
मामला गुरुग्राम के थाना क्षेत्र बादशाहपुर का है। 22 सितंबर, 2023 को गुरुग्राम पुलिस ने आसिफ की गिरफ्तारी की सूचना सार्वजनिक की। पुलिस ने बताया कि 26-27 अगस्त की रात लगे पोस्टरों की FIR 28 अगस्त को दर्ज हुई थी। मामले की जाँच क्राइम ब्रांच ने की थी। पुलिस ने धमकी भरे पोस्टरों को लगाने के आरोप में उत्तराखंड के उधमसिंहनगर के गाँव सरकहड निवासी आसिफ को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आसिफ ने बताया कि उसकी कबाड़ की दुकान गुरुग्राम के सेक्टर 69 के पास है। दुकान के पास एक अन्य कबाड़ी की भी दुकान है।
पुलिस के मुताबिक, आसिफ ने बताया कि वह कबाड़ के काम में आसपास कोई कम्पटीशन नहीं चाहता था। वह पड़ोस के दुकानदार को भगाना चाहता था। इसी साजिश के तहत उसने पड़ोसी की दुकान के आगे धमकी भरे पोस्टर चिपका दिए थे। आसिफ ने पुलिस के आगे अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसे जेल भी भेज दिया गया है। हालाँकि, केस में अभी जाँच जारी है।
आसिफ की साजिश को कट्टरपंथी, वामपंथी और राजनैतिक हवा
बड़े-बड़े शब्दों में सूचना हेडिंग के साथ इस पोस्टर में लिखा था, “सारे झुग्गी वालों को सूचित किया जाता है 28-08-2023 तक खाली कर के चले जाओ वरना इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। अगर नहीं गए तो अपनी मौत का जिम्मेदार खुद होगा। जितना जल्दी हो सके तुम सब खाली कर दो। साले मुल्ले लोगों की बहन-बीवी का बलात्कार होगा। अगर इज्जत बचाना है तो बचा लोग। तुम्हारे पास दो दिन हैं। फिर मत चिल्लाना।” पोस्टर के अंत में बहन की गालियाँ देते हुए नीचे लिखा, “तुम्हारा बाप बजरंग दल।” लगभग इन्हीं शब्दों के साथ लिखे एक अन्य पोस्टर में नीचे विश्व हिन्दू परिषद लिख दिया गया था। हाथ से लिखे इन पोस्टरों को गोंद से चिपकाया गया था।
आफरीन नाम के हैंडल ने नूहं हिंसा के दौरान फर्जी ट्वीट कर के बिना माफ़ी माँगे डिलीट करने वाले पुनीत कुमार सिंह के ‘बोलता हिंदुस्तान’ की इस मुद्दे पर बनी खबर शेयर की। 31 अगस्त को कैप्शन में उन्होंने लिखा था, “ये ज़रूर सड़े हुए नारंगी संतरों के छिलकों का काम है क्या पुलिस इस मामले की जाँच करेगी? या जब यह मामला खराब हो जाएगा तब एक्शन लेगी पुलिस, वो भी सिर्फ़ मुसलमानों पर, क्योंकि धमकी मुस्लिमों को मिल रही हैं। अभी खामोश रहिए क्योंकि खट्टर सरकार और गुड़गांव (गुरुग्राम) पुलिस सो रही है।”
NDTV ने तो बाकायदा इस पर एक शो बना डाला। NDTV के एंकर मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर लगाने वालों की गिरफ्तारी की माँग जोर-शोर से उठाते दिखे। NDTV ने इसी शो में मुस्लिम कामगारों को डरा हुआ घोषित कर दिया। NDTV ने अपने शो में नफरती पोस्टर लगाने की वजह झुग्गी में रहने वाले ज्यादातर लोगों के मुस्लिम समुदाय का होना बताया। 3 मिनट से अधिक लम्बे इसी शो में यह भी बताते का प्रयास हुआ कि नूहं हिंसा में भी मुस्लिम ही पीड़ित हैं।
गुरुग्राम में रहने वाले बिहार के अररिया से कॉन्ग्रेस नेता बदरे आलम ने इस खबर को शेयर किया। 31 अगस्त को उन्होंने लिखा, “दिल्ली से सटे हुए हरियाणा गुरुग्राम में मुस्लिम कामगार डरे हुए हैं। गुरुग्राम के सेक्टर 70 के पास एक मुसलमान की झुग्गी में धमकी भरी पोस्टर लगाए गए। कहा जा रहा है कि वह यहाँ छोड़ कर चले जाएँ वरना झुग्गी जला दी जाएगी।”
लगातार हिन्दू संगठनों के खिलाफ भ्रामक खबरें छापने वाले पोर्टल ‘जर्नो मिरर’ ने तो 29 अगस्त को इस मामले में हिन्दू संगठनों को दोषी ठहरा दिया था। पुलिस जाँच का इंतज़ार किए बिना ही सीधे तौर पर मीडिया संस्थान ने इन पोस्टरों के पीछे VHP और ‘बजरंग दल’ वालों को जिम्मेदार बता डाला था।
इन सभी के अलावा सदफ आफरीन के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के नेता संतोष कुमार यादव और कॉन्ग्रेस नेता डॉ अरुणेश कुमार यादव ने भी इस मुद्दे पर बिना पुलिस की जाँच रिपोर्ट आए ही हंगामा मचाना शुरू कर दिया। कुछ के निशाने पर हरियाणा सरकार थी तो कुछ के हिंदूवादी संगठन। इन सभी के ट्वीट 28 अगस्त से 1 सितंबर के बीच सिलसिलेवार ढंग से आए।
27 अगस्त को ही आ चुका था आसिफ का नाम
इस मामले में इस्लामी, वामपंथी हैंडलों, NDTV के अलावा कॉन्ग्रेसी और समाजवादी पार्टी नेताओं ने हंगामे की शुरुआत 28 अगस्त से की। लेकिन, ख़ास बात ये है कि घटना में आसिफ कबाड़ी का नाम एक दिन पहले 27 अगस्त को ही आ चुका था। 27 अगस्त, 2023 को ही मोजेद अली नाम के शिकायतकर्ता ने पुलिस में आसिफ के खिलाफ नामजद FIR दर्ज करवा दी थी। मोज़ेद अली की ही दुकान पर 26-27 सितंबर को आसिफ ने VHP और बजरंग दल के नाम से धमकी भरे पोस्टर चिपकाए थे। पुलिस में दर्ज कराई गई FIR में मोज़ेद अली ने पोस्टर चिपकाने के पीछे आसिफ के होने की आशंका जताई थी।
मोज़ेद ने यह भी बताया था कि 3-4 दिन पहले आसिफ ने उन्हें धमकी दे कर कबाड़ी की दुकान बंद करने के लिए कहा था। FIR में आसिफ पर धार्मिक भावनाएँ भड़काने का आरोप लगाया गया। आसिफ को नामजद करते हुए पुलिस ने FIR में IPC की धारा 188, 294, 295- A, 504 और 506 लगाई थी। मोज़ेद अली उसी ऋषि पंडित की झुग्गी में रहते हैं जिसे खाली करने के पोस्टर लगाए गए थे। शिकायतकर्ता मोज़ेद मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले हैं। वह सेक्टर 69 गुरुग्राम में चाय-पानी बेचते हैं और कबाड़ का काम करते हैं।
कई हिन्दू हुए हैं ऐसी साजिशों के शिकार
ऑपइंडिया ने इस मामले में गुरुग्राम निवासी और ‘हरियाणा प्रदेश शिवसेना युवा मोर्चा’ (शिंदे गुट) अध्यक्ष रितुराज अग्रवाल से बात की। ऋतुराज ने बताया कि भले ही इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने खुलासा करते हुए असल आरोपित आसिफ को पकड़ लिया लेकिन इस से पहले भी ऐसी कई साजिशें हो चुकी हैं। शिवसेना नेता का दावा है कि उन साजिशों के शिकार कई हिन्दू संगठन के सदस्यों को कानूनी कार्रवाई झेलना पड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिस जगह यह पोस्टर लगाए गए उसके आसपास के सेक्टरों में कुछ माह पहले खुले में नमाज़ को ले कर भी तनातनी हुई थी।
नूहं से जोड़ कर थी सनसनी फैलाने की साजिश
ऑपइंडिया से बात करते हुए ‘विश्व हिन्दू परिषद’ गुरुग्राम के जिला मंत्री यशवंत ने पोस्टर लगाने और उसे वायरल करने की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया। यशवंत ने हमें बताया कि हिन्दू संगठनों ने 28 अगस्त को अधूरी बृजमंडल यात्रा को पूरा करने का संकल्प लिया था। इस बीच 26-27 की रात ये पोस्टर लग गए। ऐसा तब हुआ जब पुलिस हाई अलर्ट पर थी। यशवंत ने आशंका जताई कि इस पूरे मामले को बृजमंडल यात्रा से जोड़ कर बड़ी सनसनी की साजिश रही होगी। उन्होंने हमें बताया कि वो जल्द ही पुलिस को ज्ञापन दे कर इस मामले की गहराई से जाँच करने की माँग करेंगे।
VHP नेता ने हमें यह भी बताया कि जैसे ही ये पोस्टर घटना के बाद वायरल हुए थे तभी उन लोगों ने खुल कर लोगों और मीडिया के साथ प्रशासन को भी बता दिया था कि ऐसी हरकतें VHP या बजरंग दल नहीं करते। यशवंत ने तनाव के माहौल में पुलिस द्वारा रखे धैर्य और अंत में सही कार्रवाई की तारीफ की।