मध्यप्रदेश के बुधनी के रातापानी अभ्यारण्य में बीजेपी की सबसे बड़ी कोर कमेटी की बैठक चल रही है। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, पांचों केंद्रीय मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय, जयभान सिंह पवैया, राकेश सिंह, नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल, कविता पाटीदार, ओमप्रकाश धुर्वे आदि शामिल हैं। इनके अलावा राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में 2023 को लेकर बीजेपी ने बड़ी रणनीति बना रही है है।रातापानी सेंचुरी के विश्राम गृह में बैठक हो रही है। वाहनों को पांच किलोमीटर दूर रोका गया है नेता बस में बैठकर विश्राम गृह पहुंचे हैंवही मीडिया कर्मियों का प्रवेश वर्जित किया गया है।
पीएम को लेकर तैयारी की बात
उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में आ रहे 11 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर इस बैठक में रणनीति बनाई जा रही है। भाजपा का प्रयास है कि पीएम के इस कार्यक्रम के जरिए अधिक से अधिक एमपी के हर गांव में धार्मिक माहौल तैयार किया जाए। 11 अक्टूबर को शाम साढ़े छह बजे से गांवों के मंदिरों पर भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन जैसे कार्यक्रमों के आयोजित करने के साथ ही उज्जैन के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाए। ताकि, उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक की विशेषताओं को लोग जान सकें और पीएम के कार्यक्रम को लोग गांवों में देख सकें। स्थानीय कार्यकर्ताओं को लोकल लेवल पर टीवी, एलसीडी स्क्रीन के अलावा प्रोजेक्टर पर पीएम के कार्यक्रम का प्रसारण दिखाने के लिए इंतजाम करने को कहा गया है।
ओबीसी भीम आर्मी जयस के साथ निकाय चुनाव रिजल्ट पर चर्चा व रणनीति
मिशन 2023 को लेकर बीजेपी की नजर जयस, ओबीसी संगठनों, भीम आर्मी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी पर है। सामाजिक संगठनों के प्रभाव वाले जिलों को लेकर बीजेपी प्लान तैयार कर रही है। सामाजिक संगठनों के प्रभाव कम करने बीजेपी के बड़े नेता उतरेंगे संघ के नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। ST/SC सीटें जीतने के लिए आज रणनीति बनेगी। निकाय चुनाव के रिजल्ट पर भी बारीकी से चर्चा की जाएगी। 2023 विधानसभा चुनाव के रोडमैप पर चर्चा होगी। विधानसभा चुनाव में करीब एक साल बचे है निकाय-पंचायत समेत सभी चुनाव संपन्न होंगे सरकार और संगठन का फोकस अब सिर्फ विधानसभा चुनाव पर रहेगा। बैठक में सत्ता-संगठन के बीच समन्वय बनाने की कोशिश की जाएगी लंबे समय से अटकी राजनीतिक नियुक्तियों पर भी चर्चा होगी।
चुनौतियां और समस्या
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराकर बनी भाजपा सरकार के सामने सामने पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए कई चुनौतियां और समस्या हैं।कांग्रेस से भाजपा में आये कई नेताओ की सहमति पर खली पड़े निगम मंडलो में नियुक्तियां देना है वही महंगाई और रोजगार को लेकर भी चर्चा होना है भाजपा में कई सीनियर नेता गण अभी भी राजनीतिक पुनर्वास मई बैठे मंत्री मंडल या दूसरे अन्य पदों पर उनकी नियुक्ति की जाये। मप्र सरकार में तमाम निगम-मंड़लों में पद खाली पड़े हुए हैं। मंत्रिमंड़ल में शामिल होने के इंतजार में बैठे विधायकों के अलावा सीनियर नेताओं को भी इनमें एडजस्ट किया जाएगा। पंचायत और नगरीय निकाय के चलते निगम-मंड़लों की नियुक्तियां अटक गईं थीं। आज कोर ग्रुप की बैठक में निगम-मंड़ल में एडजस्ट होने वाले नेताओं के नामों पर भी चर्चा की जाएगी।
बीजेपी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। शनिवार को BJP कोर ग्रुप की मीटिंग रातापानी में हुई। इसमें पार्टी के कई बड़े नेता शामिल हैं। मीटिंग से मीडिया को दूर रखा गया है। बैठक स्थल से 5 किलोमीटर पहले ही मीडिया को रोक दिया गया। बैठक में उज्जैन में पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के साथ ही सीनियर विधायक-नेताओं को निगम में एडजस्ट करने पर भी चर्चा की गई। वहीं, मंत्री-विधायकों के परफॉर्मेंस पर भी चर्चा हुई। मीटिंग मिशन-2023 पर केंद्रित हो गई है। विधायकों को अगले एक साल में परफॉर्मेंस सुधारने को कहा गया है। आदिवासियों को साधने पर भी रणनीति बनाई जा रही है। बैठक में हुई चर्चा के बाद जल्द ही मप्र में सत्ता और संगठन में बडे़ बदलाव हो सकते हैं।
बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, वीरेंद्र खटीक और फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, नरोत्तम मिश्रा, लाल सिंह आर्य, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल, कविता पाटीदार, ओमप्रकाश धुर्वे आदि शामिल हैं।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के 11 अक्टूबर को उज्जैन दौरे के अलावा आदिवासी वर्ग को आकर्षित करने की रणनीति बनाई गई है। आदिवासी नेतृत्व को भी तवज्जो देने की बात सामने आ रही है। मंत्रियों और विधायक को एक साल में परफॉर्मेंस बेहतर करने की बात कही गई। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण, सीनियर विधायक और नेताओं को निगम मंडलों में एडजस्ट करने, परिवारवाद, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार को रोकने, तय कार्यक्रमों को समय-सीमा में पूरा करने के संबंध में भी चर्चा की गई।
निगम-मंडलों में नियुक्तियों पर चर्चा
मप्र में बीजेपी के सामने पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए कई चुनौतियां हैं। बीजेपी में कई सीनियर नेता राजनीतिक पुनर्वास का इंतजार कर रहे हैं। मप्र सरकार में तमाम निगम-मंडलों में पद खाली पड़े हैं। मंत्रिमंडल में शामिल होने के इंतजार में बैठे विधायकों के अलावा सीनियर नेताओं को भी इनमें एडजस्ट किया जाएगा। पंचायत और नगरीय निकाय के चलते निगम-मंडलों की नियुक्तियां अटक गई थीं। बैठक में निगम-मंडल में एडजस्ट होने वाले नेताओं के नामों पर भी चर्चा की गई।