जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद मंगलवार को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे तो राजधानी अबू धाबी में उनका स्वागत बेहद गर्मजोशी से किया गया। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रोटोकॉल तोड़ते पीएम मोदी को रिसीव करने स्वंय अबू धाबी हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। पीएम मोदी का एक मुस्लिम देश में ऐसा भव्य स्वागत देख पाकिस्तान बुरी तरह जल-भुन गया है।
प्रोटोकॉल तोड़ पीएम मोदी का स्वागत
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अबू धाबी हवाई अड्डे पर खुद यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रोटोकॉल तोड़कर रिसीव करने पहुंचे थे। वहीं, कुछ समय पहले ही जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ यूएई गए तब उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे पर सिर्फ यूएई के न्याय मंत्री पहुंचे थे। इसे लेकर पाकिस्तान बेहद दुखी महसूस कर रहा है। पाकिस्तान को लग रहा है कि हिन्दू बहुल देश के पीएम का कतर में ऐसा भव्य स्वागत होना, पाकिस्तान के नेताओं को उतनी तव्जजो नहीं मिलने से जाहिर है कि वह अलग-थलग पड़ चुका है
पाकिस्तान को आइसोलेट होने का डर
इसी बीच चीन में हुई ब्रिक्स सम्मेलन में कई देश शामिल हुए, मगर पाकिस्तान को वहां एंट्री नहीं मिली। जिसके बाद इस बात ने जोड़ पकड़ लिया है कि क्या पाकिस्तान पूरी दुनिया में आइसोलेट हो गया है? इसी को लेकर पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि पाकिस्तान की विदेश नीति बेहतर चल रही है और वो अलग-थलग नहीं पड़ा है। रब्बानी के इस जवाब पर पाकिस्तान के पूर्व राजनियक और भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने सवाल उठाए हैं।
यूएई प्रेसीडेंट ने प्रोटोकॉल तोड़ किया स्वागत
अब्दुल बासित ने कहा है कि जब शहबाज शरीफ की सरकार विपक्ष में थी तब यही लोग कहते थे कि पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है और अब सत्ता में आने के बाद पीटीआई की उपलब्धियों का सहारा लेकर ही ये कह रहे हैं कि हम अलग-थलग नहीं पड़े हैं। पीएम मोदी की यूएई यात्रा का जिक्र करते हुए अब्दुल बासित ने कहा, ‘पाकिस्तान आइसोलेटेड नहीं है लेकिन हमने देखा कि पीएम मोदी को यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने खुद एयरपोर्ट पर जाकर रिसीव किया। हालांकि, ऐसा बहुत कम होता है या कहें कि होता ही नहीं है… ये तो प्रोटोकॉल के खिलाफ है। यूएई ने प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर ये किया।’
पाक पीएम को न्याय मंत्री ने किया रिसीव
अब्दुल बासित ने आगे कहा कि जब वहीं, दूसरी तरफ, हमारे पीएम शहबाज शरीफ जब 15 मई को यूएई गए थे तब उन्हें यूएई के न्याय मंत्री ने रिसीव किया। हम आइसोलेटेड तो नहीं हैं, लेकिन ये कुछ चीजें हैं जो हमें परेशान करती हैं। इससे पहले अब्दुल बासित ने भारत को अमेरिका और रूस से मिल रही तरजीह को लेकर भी बातें कीं। अब्दुल बासित ने जी-7 की बैठक में भारत को बुलाए जाने के पीछे के कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि अमेरिका और सदस्य देश भारत को रूस से दूर करना चाहते हैं इसलिए उसे ग्रुप में तरजीह दी जा रही है।
जी-7 में शामिल हो सकता है भारत
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की निष्पक्ष नीति का जिक्र करते हुए अब्दुल बासित ने कहा, ‘भारत ने दोनों पक्षों से अपने रिश्ते ठीक ही रखे हैं। वह रूस से तेल भी खरीद रहा है और उस पर प्रतिबंध भी नहीं लग रहे हैं। बहुत मुमकिन है कि भारत जी-7 का स्थायी सदस्य भी बन सकता है क्योंकि न तो रूस और न ही चीन इस ग्रुप का हिस्सा है। दूसरी तरफ हम देखते हैं कि भारत एशिया-पेसिफिक में क्वॉड का हिस्सा है और फिर पश्चिम एशिया में एक दूसरे क्वॉड (I2U2) का भी हिस्सा है जिसमें अमेरिका है, इजरायल, यूएई और भारत है। तो मुमकिन है कि भारत जी-7 का सदस्य बन जाए।’ बासित ने कहा कि भारत को इतनी तवज्जो मिल रही है, यह निश्चित ही हमारे लिए चिंता की बात है।