Monday, October 14, 2024
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दलित को ट्रेक्टर से कुचल कर मारा वन माफिया मोहम्मद रिजवान,फकीर मोहम्मद और 5 जिहादियों ने

 

वन माफियाओं ने एक दलित महिला सरपंच के पति की ट्रैक्टर से कुचलकर दिनदहाड़े हत्या कर दी। माफियाओं कितने बेखौफ हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस जघन्य अपराध को पुलिस थाने से महज 400 मीटर की दूरी पर दिन दहाड़े अंजाम दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि राज्य में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक विदिशा जिले के लटेरी क्षेत्र के ग्राम मुरवास की सरपंच आशा देवी बाल्मीकि ने कुख्यात वन माफिया रिजवान की शिकायत की थी। दलित महिला सरपंच आशा देवी पेड़ों की अवैध कटाई और वन भूमि के अतिक्रमण के खिलाफ लगातार मुखर रही हैं। उनकी शिकायत पर कलेक्टर ने जांच के आदेश भी दे दिए थे।

कुख्यात वन माफिया रिजवान ने इसी बात का बदला लेने के लिए आशा देवी के पति संतराम बाल्मीकि की बर्बरता से हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे संतराम बाल्मीकि अपनी बाइक से जा रहे थे, तभी माफिया के लोगों ने उन्हें टक्कर मारकर गिरा दिया। इसके बाद बदमाशों ने पहले तो बेरहमी से उनकी पिटाई की और फिर बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए उनके ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाकर उनकी जान ले ली।

दिन दहाड़े हुई इस वारदात के दौरान वहां काफी लोग मौजूद थे। लोगों को डराने के लिए बदमाशों ने तलवारें और बंदूकें लहराते हुए लोगों को धमकी दी कि अगर किसी ने इस मामले में गवाही दी तो उनका भी यही हश्र किया जाएगा। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के ही स्थानीय विधायक उमाकांत शर्मा ने मीडिया को बताया है कि इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। शर्मा का आरोप है कि बुरी तरह से घायल संतराम बाल्मीकि इस दौरान तड़पते रहे लेकिन पुलिस अधिकारी उन्हें बचाने की जगह वन माफिया के गुर्गों वहां से बाहर निकालने में लगे रहे।

हालांकि लटेरी के थाना प्रभारी अनिरुद्ध पांडेय का कहना है कि उनके ऊपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्होंने आरोपी को नहीं बचाया। उनका दावा है कि वारदात थाने से 400 मीटर की दूरी पर हुई है, इसलिए वे तत्काल वहां पहुंचे और आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। जबकि चश्मदीदों का कहना है कि इस बर्बर हत्याकांड में रिजवान के साथ कई और लोग भी शामिल थे, लेकिन पुलिस सिर्फ उसे ही लेकर गई, अन्य अपराधियों को नहीं पकड़ा। सरपंच के पति की बर्बरता से हत्या करने के आरोपी माफिया पर 100 बीघे से ज्यादा जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप है।

इस बर्बर घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। चश्मदीद इस बात से डरे हुए हैं कि माफिया का अगला निशाना वे न बन जाएं। मामले की गंभीरता को देखते हुए लटेरी एसडीएम ने पूरे ब्लॉक में धारा 144 लागू कर दी है। विदिशा के एसपी विनायक शर्मा ने मीडिया को बताया कि संतराम को ट्रैक्टर से टक्कर मारी गई जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने कुचलकर हत्या करने जैसी बातें नहीं कही है।

बीते कुछ महीनों के दौरान मध्य प्रदेश में हुई वारदात को देखते हुए इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि माफियाओं के हौसले आसमान पर हैं। ऐसा तब है जब सीएम शिवराज सिंह चौहान कभी माफियाओं को जमीन में गाड़ने की बात करते हैं तो कभी पाकिस्तानी युवती की नकल करते हुए डायलॉग मारते हैं कि ये मैं हूं, ये मेरी सरकार है और राज्य से माफिया भाग रहे हैं।

संतराम को ट्रैक्टर से कुचला, चश्मदीदों को बंदूक-तलवारें लहरा धमकाया: वन माफिया फकीर मोहम्मद के खिलाफ की थी शिकायत
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सरपंच की हत्या के बाद ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे विधायक (फोटो साभार: पत्रिका)

मध्य प्रदेश में एक सरपंच के पति की हत्या से सनसनी मच गई है। विदिशा के लटेरी स्थित मुरवास पंचायत की सरपंच आशा देवी के पति संतराम वाल्मीकि धौलपुरिया (पिता सुंदरलाल) की वन माफिया ने गुरुवार (मार्च 18, 2021) को दोपहर में ट्रैक्टर से कुचल कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा ने पुलिस पर भी कोई मदद न करने का आरोप लगाया है। संतराम सड़क पर तड़प रहे थे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की।

विधायक का आरोप है कि पुलिस मौके पर मृतक को बचाने की बजाए आरोपित को बचाने में लगी हुई थी। विधायक ने वहाँ पहुँच कर आक्रोशित लोगों के साथ मुरवास थाने का घेराव भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की गई है। उन्होंने बताया कि तलवारों और बंदूकों के साथ चश्मदीदों को धमकाया गया। गवाही देने पर लोगों को हत्या की धमकी दी गई।

लटेरी के SDM ने घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए धारा-144 लागू कर दिया है। जब ये घटना हुई, तब संतराम पंचायत भवन से भैरो चौक की तरफ जा रहे थे। दोपहर के दो बजे ब्लेड लगे ट्रैक्टर को चलाते हुए फ़क़ीर मोहम्मद का पुत्र रिजवान उधर से आया। उसके साथ उसके 3 साथी भी थे। उनलोगों ने ट्रैक्टर से बाइक को टक्कर मार दी। वो तब तक ट्रैक्टर को चलाते रहे, जब तक उन्हें लगा कि संतराम ने दम तोड़ दिया है।

 

घटनास्थल पर ही संतराम की मौत हो गई। विदिशा के उसी गाँव का रहने वाले फ़क़ीर मोहम्मद वन माफिया है, जिस पर सरपंच के पति संतराम की हत्या करवाने का आरोप लगा है। सरपंच ने उसके और उसके पुत्र इरफ़ान के अलावा रिजवान, उमर, फारूक के अलावा हीरो इरफान पुत्र जहूर खान और सईद खान के बेटे शकील के खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि फ़कीर मोहम्मद ने परिजनों के साथ मिल कर वन विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन का अतिक्रमण कर लिया है।

इस बात की शिकायत सितंबर 10, 2020 को डीएम पंकज जैन से की गई थी। इसके बाद DM ने SDM को पत्र लिख जाँच के लिए कहा था। तभी से फ़क़ीर मोहम्मद ने संतराम के साथ रंजिश पाल रखी थी। फ़क़ीर का बेटा उमर वन विकास निगम में चौकीदार है और उसकी वन विभाग में अच्छी-खासी पैठ है। संतराम ने आरोप लगाया कि रेंजर संतोष दुबे और नाकेदार पंकज सहित कुछ लोग फ़क़ीर मोहम्मद को सभी चीजों की जानकारी दे देते थे।

 

DM ने वन विकास निगम के डिवीजनल मैनेजर आदर्श श्रीवास्तव को जनवरी 28, 2021 को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था। 9 मार्च को डिविजनल मैनेजर ने कार्रवाई हेतु अधिकारियों को पत्र जारी किया। इसके बाद मार्च 16 को जाँच के लिए टीम गठित की गई थी। थाना प्रभारी अनिरुद्ध पांडेय ने आरोपितों को बचाने की बात पर कहा कि थाने से घटनास्थल की दूरी 400 मीटर है, वो सिर्फ उसे पकड़ कर ले गए।

विदिशा के एसपी विनायक शर्मा ने कहा कि इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। स्थानीय लोगों ने इस मामले में न्याय की माँग करते हुए धरना दिया हुआ है। उनका पूछना है कि जिसने वन विभाग की भूमि पर कब्ज़ा किया, उसे ही चौकीदारी क्यों सौंपी गई? सरपंच संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रघुवंशी ने परिवार को आर्थिक मदद दिलाने और वाल्मीकि महापंचायत के युवा विंग प्रदेश महामंत्री रोहित घेंघट ने परिवार को न्याय दिलाने की माँग की।

 

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